UPI भुगतान शुल्क में संभावित बदलाव: क्या डिजिटल लेनदेन अब मुफ्त नहीं रहेगा?
UPI शुल्क में बदलाव की संभावना
UPI Payment Charge: क्या डिजिटल लेनदेन अब मुफ्त नहीं रहेगा?: भारतीय रिजर्व बैंक ने संकेत दिया है कि UPI शुल्क में बदलाव संभव है, जिससे डिजिटल भुगतान अब मुफ्त नहीं रह सकता। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा के हालिया बयान ने इस विषय पर चर्चा को बढ़ावा दिया है।
क्या यूज़र्स को चार्ज देना होगा? UPI Payment Charge
मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वर्तमान में यूपीआई को सरकार की सब्सिडी के कारण मुफ्त में चलाया जा रहा है। लेकिन इस तरह के बड़े पैमाने पर मुफ्त लेनदेन को लंबे समय तक बनाए रखना व्यावहारिक नहीं है।
UPI उपयोगकर्ताओं की संख्या पिछले दो वर्षों में 31 करोड़ से बढ़कर 60 करोड़ हो गई है। इस तेजी से बढ़ते उपयोगकर्ताओं के कारण तकनीकी ढांचे पर दबाव बढ़ रहा है। (UPI sustainability) और एक भरोसेमंद प्रणाली बनाए रखने के लिए सरकार को शुल्क लगाने पर विचार करना पड़ सकता है।
बैंकिंग प्रणाली पर बढ़ता दबाव
संजय मल्होत्रा ने बताया कि सरकार द्वारा (merchant discount rate) को शून्य पर रखने के कारण न तो बैंक लाभ कमा रहे हैं और न ही राजस्व प्राप्त कर रहे हैं। इससे बैंकिंग प्रणाली पर बोझ बढ़ता जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मौजूदा मॉडल जारी रहा, तो डिजिटल लेनदेन को मुफ्त रखना कठिन होगा। (RBI UPI changes) के तहत नई रणनीतियों की आवश्यकता हो सकती है।
ब्याज दरों पर भी नजर
सिर्फ यूपीआई ही नहीं, RBI ने मौद्रिक नीति में बदलाव के संकेत भी दिए हैं। वर्तमान में महंगाई दर 2.1% है, और यदि स्थिति अनुकूल रही, तो (RBI future plans) के तहत ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है।
संजय मल्होत्रा का यह बयान देश की आर्थिक दिशा को लेकर महत्वपूर्ण माना जा रहा है। (RBI governor UPI comment) ने यह बहस छेड़ी है कि डिजिटल इकोसिस्टम को आर्थिक रूप से कैसे टिकाऊ बनाया जाए।