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Vaishno Devi Landslide: श्रद्धालुओं की यात्रा में आई बाधा, 34 की मौत

माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं की यात्रा एक दुखद मोड़ पर पहुंच गई जब कटड़ा में भूस्खलन के कारण 34 श्रद्धालुओं की जान चली गई। इस घटना के बाद यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई है और 20,000 से अधिक श्रद्धालु फंसे हुए हैं। भारी बारिश के कारण राज्य में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिया है और मुआवजे की घोषणा की है। जानें इस घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
 

Vaishno Devi Landslide: श्रद्धालुओं की यात्रा में आई बाधा

Vaishno Devi Landslide: माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं की यात्रा एक दुखद मोड़ पर पहुंच गई। जम्मू और कश्मीर के कटड़ा में अर्धकुंवारी के पास पहाड़ खिसकने से भारी मलबा गिर गया। इस घटना में 34 श्रद्धालुओं की जान चली गई और 22 अन्य घायल हो गए। घायलों का इलाज कटड़ा के नारायणा अस्पताल में चल रहा है। इस दुर्घटना के बाद वैष्णो देवी यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु बिना दर्शन किए ही लौटने लगे हैं, जबकि 4000 से अधिक यात्री कटड़ा में यात्रा फिर से शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।


भूस्खलन के कारण यात्रा मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया है और इसे ठीक करने में कुछ समय लग सकता है। इस प्राकृतिक आपदा के चलते जम्मू और कश्मीर के अन्य क्षेत्रों में भी भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है।


फंसे हुए यात्री

मंगलवार तक जम्मू और कटड़ा के होटलों और गेस्ट हाउसों में लगभग 20,000 श्रद्धालु ठहरे हुए थे। मंगलवार दोपहर को अर्धकुंवारी के पास भूस्खलन के कारण पहाड़ से भारी मलबा गिरने से यात्रा मार्ग का एक 200 फीट का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। मलबा हटाने और मरम्मत का कार्य जारी है, लेकिन इसमें समय लग सकता है।


बारिश के कारण उत्पन्न संकट

मंगलवार से बुधवार सुबह तक उधमपुर में 629.4 मिमी और जम्मू में 296 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक दिन में वर्षा का नया रिकॉर्ड है। इस भारी बारिश के कारण राज्य में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति बनी है, जिससे अब तक 34 लोगों की जान जा चुकी है।


झेलम और अन्य नदियों का जलस्तर

बुधवार दोपहर बाद जम्मू में मौसम में सुधार हुआ, लेकिन कश्मीर में लगातार बारिश के कारण झेलम और अन्य नदी-नालों का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है। श्रीनगर के राजबाग क्षेत्र में पानी भरने के कारण पुलिस ने वहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर निकाल लिया।


बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य

जम्मू संभाग के किश्तवाड़ और अनंतनाग में भी बाढ़ ने तबाही मचाई। किश्तवाड़ के वाढवन में मंगलवार रात बादल फटने से 10 मकान बह गए। वहीं अनंतनाग जिले में लिद्दर नदी में फंसे 22 लोगों को एसडीआरएफ के जवानों ने सुरक्षित निकाल लिया। शेषनाग नाले में बाढ़ आने से पहलगाम में चार इमारतों को नुकसान हुआ है।


मुआवजे का एलान

हादसे में मारे गए श्रद्धालुओं के परिवारों को मुआवजा देने का ऐलान किया गया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन में मारे गए प्रत्येक श्रद्धालु के परिवार को 9 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। वहीं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करते हुए हर मृतक के परिवार को 6 लाख रुपये देने का ऐलान किया।


प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य

बाढ़ के कारण जम्मू और उसके आसपास के क्षेत्रों से 25,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसके अलावा गुरुवार को सभी स्कूलों को बंद रखने का निर्देश जारी किया गया है। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों से यातायात बहाल कर दिया है, हालांकि कुछ जगहों पर भूस्खलन और सड़क बहने के कारण वाहनों की आवाजाही पर रोक लगी हुई है।