VHP की गरबा इवेंट्स पर विवादास्पद सलाह, राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज
VHP की गरबा इवेंट्स पर सलाह
गरबा इवेंट्स पर VHP की सलाह: देश में शारदीय नवरात्रि का पर्व 22 सितंबर से शुरू हो रहा है। इस अवसर पर हर साल की तरह गरबा और डांडिया कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसी बीच, महाराष्ट्र में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने एक सलाह जारी की है, जिसमें केवल हिंदुओं को इन आयोजनों में शामिल होने की अपील की गई है। इस सलाह की आलोचना कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और आरपीआई जैसे कई राजनीतिक दलों ने की है।
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने रविवार को VHP की इस सलाह की निंदा की, जिसमें कहा गया था कि नवरात्रि के दौरान गरबा कार्यक्रमों में केवल हिंदुओं को प्रवेश दिया जाना चाहिए। उन्होंने इसे 'हिंसा को आमंत्रित करने' के समान बताया। 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक मनाए जाने वाले नवरात्रि में पारंपरिक गरबा नृत्य और डांडिया का आयोजन होगा, जिसमें लोग घेरे बनाकर नृत्य करेंगे। VHP ने आयोजकों को सलाह दी है कि वे 'लव जिहाद' की घटनाओं से बचने के लिए प्रवेश करने वालों का आधार कार्ड चेक करें।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने इसे देश में सांप्रदायिक माहौल बनाने की कोशिश बताया है। उन्होंने कहा, 'सांप्रदायिकता फैलाना और इस देश को बचाना उनकी आजीविका है। सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान की बात नहीं कर रहा, लेकिन जिस तरह से जहर फैलाया जा रहा है, वह महाराष्ट्र और देश के लिए उचित नहीं है।' महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने भी VHP की सलाह की आलोचना की, यह कहते हुए कि वे समाज में आग लगाना चाहते हैं और धर्म के आधार पर समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं।
महाराष्ट्र के मंत्री और भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने VHP की सलाह का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना आयोजन समितियों का अधिकार है। बावनकुले ने कहा कि सभी आयोजन समितियों को कुछ नियम निर्धारित करने का अधिकार है, और जब तक उनके पास कार्यक्रम आयोजित करने के लिए पुलिस की अनुमति है, तब तक कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
VHP की सलाह में क्या कहा गया?
VHP ने अपनी सलाह में स्पष्ट किया है कि राज्यभर में होने वाले गरबा आयोजनों में केवल हिंदुओं को ही प्रवेश दिया जाए। आयोजकों को प्रतिभागियों के आधार कार्ड की जांच करने और प्रवेश से पहले तिलक लगाने जैसे नियम लागू करने की सलाह दी गई है। VHP और बजरंग दल ने यह भी कहा है कि वे इन कार्यक्रमों की निगरानी करेंगे। परिषद का तर्क है कि गरबा केवल नृत्य नहीं, बल्कि देवी की पूजा का एक धार्मिक माध्यम है, और इसमें वही लोग शामिल हों जो देवी और परंपराओं में आस्था रखते हों। इस सलाह ने राज्य की राजनीति और समाज में तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं।