VVIP सुरक्षा में जैमर का महत्व और उपयोग
जैमर का परिचय: VVIP सुरक्षा में इसकी भूमिका
जैमर का उपयोग: VVIP सुरक्षा में: आपने 'जैमर' शब्द सुना होगा। यह शब्द भारत ही नहीं, बल्कि विश्व के अन्य हिस्सों में भी चर्चा का विषय बना रहता है। विशेष रूप से जब प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री या अन्य VVIP किसी स्थान पर जाते हैं, तो उनके साथ एक विशेष वाहन होता है, जिसे जैमर व्हीकल कहा जाता है।
क्या आपने कभी सोचा है कि ये जैमर वास्तव में क्या होते हैं? ये कैसे कार्य करते हैं और VVIPs या महत्वपूर्ण स्थानों पर इनकी आवश्यकता क्यों होती है? आइए, हम इसकी तकनीक को सरल शब्दों में समझते हैं।
जैमर क्या है?
जब भी कोई VVIP यात्रा करता है, आपने उनके काफिले में एक काले रंग की विशेष गाड़ी देखी होगी। यह साधारण गाड़ी नहीं है, बल्कि जैमर व्हीकल है। इसमें अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग उपकरण लगे होते हैं। ये उपकरण मोबाइल फोन, वाई-फाई, जीपीएस और रेडियो सिग्नल जैसी वायरलेस सेवाओं को बाधित कर देते हैं।
सरल शब्दों में, जहां जैमर कार्य करता है, वहां मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट पूरी तरह से बंद हो जाते हैं। ये जीपीएस और रेडियो सिग्नल्स को भी बाधित कर देता है। हर मोबाइल कॉल या इंटरनेट के लिए विशेष रेडियो फ्रीक्वेंसी का उपयोग होता है। जैमर व्हीकल उस फ्रीक्वेंसी पर शक्तिशाली सिग्नल भेजता है, जिससे असली नेटवर्क सिग्नल कमजोर हो जाता है। परिणामस्वरूप, मोबाइल नेटवर्क से कनेक्ट नहीं हो पाता और कॉल्स के साथ इंटरनेट भी ठप हो जाता है।
क्या आम लोग घर में जैमर का उपयोग कर सकते हैं?
यदि आप सोच रहे हैं कि घर में जैमर लगाना संभव है, तो यह संभव नहीं है। आम नागरिकों के लिए जैमर का उपयोग कानूनी रूप से प्रतिबंधित है। इसका कारण यह है कि यह सार्वजनिक सेवाओं को बाधित करता है, जिससे दूसरों को परेशानी हो सकती है। उदाहरण के लिए, आपातकालीन कॉल्स रुक सकती हैं। नियमों के अनुसार, केवल रक्षा, सुरक्षा एजेंसियां और सरकारी संस्थान ही जैमर का उपयोग कर सकते हैं।