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अंबाला में खुला नया सिंथेटिक ट्रैक, दौड़ने का अनुभव बेहतर

अंबाला में नेताजी सुभाष चंद्र बोस पार्क में 74 लाख रुपये की लागत से निर्मित नया सिंथेटिक ट्रैक आम जनता के लिए खुल गया है। यह ट्रैक न केवल दौड़ने के अनुभव को बेहतर बनाता है, बल्कि चोटों से भी बचाता है। स्थानीय निवासियों ने इसकी प्रशंसा की है, और इसे पार्क में आने वाले बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा माना जा रहा है। जानें इस ट्रैक की विशेषताएँ और इसके लाभ।
 

अंबाला में नया ट्रैक शुरू

अंबाला (ताज़ा समाचार)। नेताजी सुभाष चंद्र बोस पार्क में 74 लाख रुपये की लागत से निर्मित सिंथेटिक ट्रैक अब आम जनता के लिए खुल गया है। शनिवार को जब लोग इस ट्रैक पर दौड़ते और टहलते नजर आए, तो उन्होंने इसकी काफी प्रशंसा की।


पहले इस पार्क में कंक्रीट का ट्रैक था, जिस पर दौड़ने से चोट लगने का खतरा बना रहता था। इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों को चलने में भी कठिनाई होती थी। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने सिंथेटिक ट्रैक के निर्माण के लिए कई प्रयास किए।


सिंथेटिक ट्रैक की विशेषताएँ

सिंथेटिक ट्रैक क्या है?


सिंथेटिक ट्रैक (ईपीडीएम फ्लोरिंग) विशेष रूप से सिंथेटिक रबर से निर्मित होता है, जो एथिलीन प्रोपलीन डायन मोनोमर ग्रैन्यूल्स से बना होता है। यह टिकाऊ, मौसम प्रतिरोधी और चोटों से बचाने वाला होता है।


इसका उपयोग रनिंग ट्रैक, खेल के मैदान और जिम में किया जाता है। यह ट्रैक फिसलनरोधी सतह प्रदान करता है, जिससे गिरने का खतरा कम होता है। यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी बहुत उपयुक्त है।


घुटनों में दर्द से राहत

अब नहीं होगा घुटनों में दर्द


विपिन वर्मा ने कहा कि इस ट्रैक के निर्माण के बाद चलने में बहुत अच्छा अनुभव हो रहा है। पहले सीमेंट के ट्रैक पर थोड़ी दूर चलने पर घुटनों में दर्द होने लगता था।


स्थानीय निवासी लोकेश शर्मा ने बताया कि इस ट्रैक पर बच्चे और युवा दोनों दौड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी सुविधा किसी अन्य पार्क में नहीं देखी है। अब जब से यह सुविधा उपलब्ध हुई है, तब से पार्क में आना बहुत अच्छा लग रहा है। यह सुविधाएँ पार्कों में होनी चाहिए, क्योंकि अक्सर वरिष्ठ नागरिक और बच्चे यहाँ आते हैं।


सुभाष पार्क में सुबह और शाम के समय सैकड़ों लोग सैर करने आते हैं। यह संभवतः हरियाणा का पहला ऐसा पार्क है, जिसमें सिंथेटिक ट्रैक की सुविधा है। इससे पहले, सिंथेटिक ट्रैक केवल खिलाड़ियों के लिए स्टेडियमों में बनाए जाते थे।