अकोला नगर निगम चुनाव में अनोखा नामांकन: चिल्लर से भरी अमानत राशि
अकोला में चुनावी माहौल में हलचल
नई दिल्ली: अकोला नगर निगम चुनाव के दौरान एक अनोखी घटना ने शहर का ध्यान आकर्षित किया है। जबकि अधिकांश उम्मीदवार नामांकन प्रक्रिया को एक औपचारिकता मानते हैं, एक प्रत्याशी ने इसे जनता से जुड़ने का एक अनूठा तरीका बना दिया।
आमतौर पर नामांकन के लिए अमानत राशि जमा करना एक साधारण प्रक्रिया होती है, लेकिन इस बार चिल्लर और छोटे नोटों में जमा की गई राशि ने चुनावी माहौल को खास बना दिया।
अनोखा नामांकन चर्चा का विषय
यह घटना अकोला नगर निगम के झोन क्रमांक 5 के प्रभाग क्रमांक 15 से संबंधित है। यहां लोकतांत्रिक जनाधार पार्टी के उम्मीदवार लक्ष्मीकांत अग्रवाल ने नगरसेवक पद के लिए नामांकन भरा। उन्होंने 5 हजार रुपये की अनिवार्य अमानत राशि पूरी तरह चिल्लर और छोटे नोटों में जमा की। जैसे ही यह राशि चुनाव निर्णय अधिकारी के कार्यालय में पहुंची, वहां मौजूद कर्मचारी और अन्य उम्मीदवार हैरान रह गए।
सिक्कों और नोटों की गिनती में कठिनाई
इस अमानत राशि में बड़ी संख्या में 5 और 10 रुपये के सिक्के शामिल थे, साथ ही 10, 20, 50 और 500 रुपये के नोट भी थे। सिक्कों की इतनी अधिक मात्रा थी कि कर्मचारियों को गिनती में काफी समय लग गया। कुछ समय के लिए पूरा कार्यालय केवल नोट और सिक्के गिनने में व्यस्त रहा, जिससे माहौल औपचारिकता से ज्यादा उत्सुकता भरा हो गया।
कार्यालय में हलचल
नामांकन के समय आमतौर पर शांत रहने वाला कार्यालय इस घटना के कारण चर्चा का केंद्र बन गया। वहां मौजूद लोग इस अनोखे तरीके पर एक-दूसरे से बात करते नजर आए। कुछ ने इसे चुनावी प्रचार का एक तरीका बताया, जबकि अन्य ने इसे जनता से जुड़ाव का प्रतीक माना। यह दृश्य अन्य उम्मीदवारों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गया।
उम्मीदवार का चिल्लर जमा करने का कारण
लक्ष्मीकांत अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह राशि उन्होंने किसी बड़े दानदाता से नहीं ली है। उन्होंने बताया कि यह अमानत राशि जनता ने पाई-पाई जोड़कर दी है। उनके अनुसार, जब आम लोग अपने घर से सिक्के और छोटे नोट निकालकर देते हैं, तो उसका सम्मान करना आवश्यक है। इसलिए उन्होंने वही पैसा उसी रूप में जमा किया।
जीत पर जनता के लिए काम करने का वादा
उम्मीदवार ने कहा कि यदि जनता उन्हें जीत दिलाती है, तो वह पूरी ईमानदारी से विकास कार्यों में जुटेंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जनता की छोटी-छोटी जरूरतों को प्राथमिकता दी जाएगी। अकोला नगर निगम चुनाव में यह अनोखा नामांकन अब केवल एक खबर नहीं, बल्कि राजनीति में आम लोगों की भागीदारी और भरोसे का प्रतीक बन गया है। यह मामला शहर में सामाजिक और राजनीतिक चर्चाओं में लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है।