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अनंतनाग की सरला भट्ट: आतंकवाद का एक दर्दनाक अध्याय

अनंतनाग की सरला भट्ट, जो एक नर्स थीं, आतंकवाद का शिकार बनीं। 1990 में JKLF के आतंकवादियों द्वारा अपहरण और हत्या की गईं। उनकी कहानी कश्मीरी पंडितों के पलायन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जानें कैसे उनकी हत्या ने पूरे समुदाय में आतंक फैलाया और असहमति को दबाने का एक उदाहरण प्रस्तुत किया।
 

सरला भट्ट का अपहरण और हत्या

अनंतनाग की निवासी सरला भट्ट, जो श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SKIMS) में नर्स के रूप में कार्यरत थीं, आतंकवाद के एक काले अध्याय का शिकार बनीं। अप्रैल 1990 में, जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के आतंकवादियों ने उन्हें SKIMS के हब्बा खातून हॉस्टल से अगवा कर लिया। यह घटना उस समय हुई जब घाटी में आतंकवाद अपने चरम पर था, और इसने कश्मीरी पंडितों के जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया।


सरला भट्ट के साथ जो हुआ, वह मानवता को झकझोर देने वाला है। अपहरण के बाद, आतंकवादियों ने उन्हें कई दिनों तक बलात्कार का शिकार बनाया। यह जघन्य अपराध यहीं समाप्त नहीं हुआ, बल्कि उनकी निर्मम हत्या भी की गई। उनके शरीर पर गोली के निशान थे, जो उस बर्बरता का प्रमाण थे जो उन्होंने सहन की। अंततः, उनका शव श्रीनगर के डाउनटाउन की एक सड़क पर फेंका गया। इस वीभत्स कृत्य का उद्देश्य केवल एक जीवन को समाप्त करना नहीं था, बल्कि पूरे कश्मीरी पंडित समुदाय में आतंक फैलाना था।


उनकी हत्या के बाद, उनके शरीर पर एक नोट मिला जिसमें उन्हें "पुलिस मुखबिर" कहा गया था। यह झूठा आरोप उस समय फैलाई जा रही नफरत का हिस्सा था, जब आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़ने या सरकारी नौकरियों से इस्तीफा देने का अल्टीमेटम दिया था। सरला भट्ट का यह विरोध, जो शायद उनके पेशे और आत्म-सम्मान के प्रति निष्ठा से प्रेरित था, उनकी क्रूर हत्या का कारण बना। यह घटना आतंकवादी संगठनों द्वारा असहमति को दबाने और हिंसा के माध्यम से अपने अलगाववादी एजेंडे को लागू करने के तरीके को दर्शाती है।


BJP का बयान: कश्मीरी पंडितों के पलायन का संकेत

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस घटना की गंभीरता को उजागर करते हुए कहा है कि सरला भट्ट की हत्या, 1990 में कश्मीरी पंडितों के बड़े पैमाने पर पलायन का एक पूर्वाभास थी। BJP के आईटी विंग प्रमुख अमित मालवीय ने X (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह घटना कश्मीरी पंडितों के खिलाफ हुए अत्याचारों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी। उन्होंने कहा, "सरला भट्ट, एक युवा कश्मीरी पंडित नर्स, जो SKIMS श्रीनगर में कार्यरत थीं, उनकी कश्मीर में आतंकवाद के चरम पर, अप्रैल 1990 में क्रूरतापूर्वक हत्या कर दी गई थी।"


सशस्त्र आतंकवादियों ने उन्हें उनके कार्यस्थल से अपहृत किया, एक अज्ञात स्थान पर ले गए और भयानक यातनाएं दीं। उनका सामूहिक बलात्कार किया गया, अंग-भंग किया गया और अंततः उनकी हत्या कर दी गई।