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अफगानिस्तान के विदेश मंत्री का भारत दौरा: जम्मू-कश्मीर पर महत्वपूर्ण बयान

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने भारत दौरे के दौरान जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताया और पाकिस्तान को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर हमला किया, तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। मुत्ताकी की यात्रा का उद्देश्य तालिबान सरकार को मान्यता दिलाने के लिए भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना है। इस यात्रा में उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर भी चर्चा की।
 

पाकिस्तान को दी चेतावनी


कहा, यदि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर हमला किया तो मुंहतोड़ जवाब देंगे


अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी वर्तमान में भारत के दौरे पर हैं। इस यात्रा के दौरान, उन्होंने कई ऐसे बयान दिए हैं जो पाकिस्तान को चिंतित कर रहे हैं। मुत्ताकी ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान अपने पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध नहीं चाहता और कश्मीर के मुद्दे पर उसकी नीति गलत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। उनके इस बयान के बाद पाकिस्तान की प्रतिक्रिया तीव्र रही है।


पाकिस्तान ने काबुल पर हवाई हमले किए, जिसके जवाब में अफगान सेना ने भी कड़ा प्रतिरोध किया। आमिर खान मुत्ताकी ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि अफगानिस्तान अपनी सीमाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि हमारी सेना ने तुरंत जवाब दिया और रात भर में अपने लक्ष्यों को हासिल कर लिया। कतर और सऊदी अरब ने संघर्ष समाप्त करने की अपील की है, जिसके कारण हमने अपनी ओर से लड़ाई रोक दी है।


भारत यात्रा का उद्देश्य

मुत्ताकी की यात्रा का एक प्रमुख कारण यह है कि रूस एकमात्र ऐसा देश है जिसने तालिबान प्रशासन को औपचारिक मान्यता दी है। हाल ही में, उन्होंने मास्को में एक क्षेत्रीय बैठक में भाग लिया, जिसमें भारत, पाकिस्तान, ईरान, चीन और अन्य मध्य एशियाई देशों ने विदेशी सैन्य बुनियादी ढांचे की तैनाती का विरोध करते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया। इस बैठक में भारत ने तालिबान के समर्थन में अपनी स्थिति स्पष्ट की।


भारत ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस प्रस्ताव का विरोध किया, जिसमें अफगानिस्तान से बगराम एयरबेस को वापस लेने की बात कही गई थी। इस मुद्दे पर पाकिस्तान, चीन और रूस ने भी भारत का समर्थन किया।


भारत की तालिबान सरकार को मान्यता

2021 में अमेरिका के अफगानिस्तान छोड़ने और तालिबान के सत्ता में आने के बाद, भारत ने काबुल में अपना दूतावास बंद कर दिया था। तब से, दोनों देशों के बीच कोई औपचारिक संबंध नहीं बने हैं। भारत ने तालिबान सरकार को औपचारिक रूप से मान्यता नहीं दी है, लेकिन वह लंबे समय से अफगानिस्तान के साथ बैकडोर डिप्लोमेसी कर रहा है।