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अफगानिस्तान में भूकंप से महिलाओं और बच्चों को मिली सबसे अधिक कठिनाई

रविवार को अफगानिस्तान के पूर्वी पहाड़ी क्षेत्र में आए भूकंप ने 2200 से अधिक लोगों की जान ले ली और 3600 से ज्यादा लोग घायल हुए। राहत कार्यों में महिलाओं और बच्चों को सबसे अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। पुरुष रेस्क्यूकर्मी मलबे में फंसी महिलाओं की मदद करने में हिचकिचा रहे थे, जिससे उन्हें कई घंटों तक मदद नहीं मिल पाई। जानें इस संकट के बारे में और राहत कार्यों की स्थिति।
 

भूकंप की तबाही और राहत कार्य

रविवार को अफगानिस्तान के पूर्वी पहाड़ी क्षेत्र में 6 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने देशभर में व्यापक तबाही मचाई। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस आपदा में 2200 से अधिक लोगों की जान चली गई है और 3600 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। राहत संगठनों का कहना है कि इस संकट में महिलाओं और बच्चों को सबसे अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।



वॉलेंटियर ताहजीबुल्लाह मुहाजिब ने बताया कि पुरुष रेस्क्यूकर्मी मलबे में फंसी महिलाओं को निकालने में हिचकिचा रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा था कि महिलाएं गायब हैं और केवल पुरुषों और बच्चों का ही इलाज किया जा रहा है। महिलाएं चुपचाप कोने में बैठी थीं। तालिबान के नियमों के कारण गैर परिवार के पुरुष महिलाओं को छू नहीं सकते, जिससे महिलाएं कई घंटों तक मलबे में फंसी रहीं। अंततः पड़ोसी गांव की महिलाओं ने उन्हें बाहर निकाला।


तालिबान के सख्त नियमों के चलते, पुरुषों को महिलाओं को छूने में डर लग रहा था, जिसके कारण महिलाएं घंटों तक मलबे में फंसी रहीं।


कुनार प्रांत की 19 वर्षीय बीबी आयशा ने बताया कि उनके गांव में बचाव दल 36 घंटे बाद पहुंचा, जिसमें कोई महिला शामिल नहीं थी। केवल पुरुषों और बच्चों को ही बाहर निकाला गया और उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।