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अमरनाथ यात्रा 2025: पहले जत्थे का रवाना होना और सुरक्षा के कड़े इंतजाम

अमरनाथ यात्रा 2025 का पहला जत्था आज रवाना हुआ, जिसमें उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रद्धालुओं को झंडी दिखाई। सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बीच, यात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी और 9 अगस्त को समाप्त होगी। पिछले साल की तुलना में इस बार तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। जानें इस यात्रा के बारे में और क्या खास है।
 

अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था रवाना

अमरनाथ यात्रा 2025: आज अमरनाथ तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना हुआ। पहलगाम में हुए हमले के बाद सरकार ने कड़ी सुरक्षा के बीच भगवती नगर बेस कैंप से इस जत्थे को झंडी दिखाई। बुधवार को उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रियों के पहले समूह को रवाना किया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने 'हर हर महादेव' और 'बम बम भोले' के नारे लगाए। यह यात्रा कुल 38 दिनों की होगी, जिसमें आधिकारिक शुरुआत 3 जुलाई से होगी और यह 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी। पिछले वर्ष यात्रा 52 दिनों तक चली थी, जिसमें लगभग 5 लाख भक्तों ने बाबा का दर्शन किया था।



22 जून को पहलगाम में हुए हमले के बाद सरकार ने सुरक्षा में कई बदलाव किए हैं। पहलगाम और बालटाल के यात्री मार्गों को नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है। हमले में शामिल आतंकियों का अब तक पता नहीं चल पाया है, जिसके चलते सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा के लिए 600 अर्धसैनिक कंपनियों को तैनात किया गया है, जो अब तक की सबसे बड़ी तैनाती है।


पहलगाम हमले के बाद कश्मीर यात्रा को लेकर यात्रियों में असुरक्षा का अनुभव हो रहा है। इसका असर अमरनाथ यात्रा के पंजीकरण पर भी देखा गया है। प्रशासन यात्रियों को आकर्षित करने के लिए पहलगाम और बालटाल के आधार शिविरों तक मुफ्त बस सेवा और अन्य सुविधाएं प्रदान कर रहा है।


इस वर्ष अब तक 3.5 लाख से अधिक तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। तत्काल रजिस्ट्रेशन के लिए जम्मू में सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा में केंद्र खोले गए हैं, जहां रोजाना दो हजार श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है।