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अमरनाथ यात्रा का समय से पहले समापन, श्रद्धालुओं के लिए निराशाजनक खबर

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा को समय से पहले समाप्त करने का निर्णय लिया है, जो 9 अगस्त तक चलने वाली थी। खराब मौसम और क्षतिग्रस्त मार्गों के कारण यात्रा को 3 अगस्त से रोक दिया गया है। इस वर्ष अब तक 4.10 लाख श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में कम है। जानें इस निर्णय के पीछे के कारण और श्रद्धालुओं की संख्या में उतार-चढ़ाव के बारे में।
 

अमरनाथ यात्रा का समापन

श्रीनगर: बाबा बर्फानी के दर्शन की उम्मीद लगाए बैठे लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना आई है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पवित्र अमरनाथ यात्रा को समय से पहले समाप्त करने का निर्णय लिया है। यह यात्रा 9 अगस्त, रक्षाबंधन के दिन तक चलने वाली थी, लेकिन खराब मौसम और क्षतिग्रस्त मार्गों के कारण इसे 3 अगस्त से रोकने का फैसला किया गया है।


मार्गों में आई बाधा

कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर विजय कुमार बिधूड़ी ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा कि लगातार हो रही भारी बारिश के कारण यात्रा के दोनों प्रमुख मार्ग, बालटाल और पहलगाम, को गंभीर नुकसान हुआ है। इन मार्गों की मरम्मत का कार्य तुरंत शुरू किया जाएगा, जिसमें भारी मशीनरी और कर्मियों को लगाया जाएगा।


यात्रियों की सुरक्षा प्राथमिकता

उन्होंने स्पष्ट किया कि मार्गों पर मरम्मत का कार्य चलने के कारण यात्रियों की आवाजाही संभव नहीं है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए यात्रा को यहीं रोकना पड़ा है। इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को आरंभ हुई थी। यात्रा रोकने तक, इस वर्ष 4.10 लाख श्रद्धालु पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। हालांकि, यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में कम है। 2024 में 5.10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने यात्रा की थी।


श्रद्धालुओं की संख्या में उतार-चढ़ाव

पिछले कुछ वर्षों में अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। 2023 में यह यात्रा 62 दिनों तक चली, जिसमें 4.5 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए। इससे पहले, 2022 में कोविड महामारी के बाद 43 दिनों की यात्रा आयोजित की गई थी, जिसमें लगभग 3 लाख तीर्थयात्री शामिल हुए थे। कोरोना महामारी के कारण 2020 और 2021 में यात्रा को स्थगित करना पड़ा था। अब तक के इतिहास में सबसे अधिक श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड 2012 में बना था, जब 6.35 लाख तीर्थयात्रियों ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे, जो आज भी एक कीर्तिमान है।


श्रद्धालुओं की निराशा

प्रशासन के इस ऐलान के बाद उन श्रद्धालुओं को निराशा हुई है, जिन्हें आने वाले दिनों में यात्रा करनी थी। फिलहाल, प्रशासन का पूरा ध्यान क्षतिग्रस्त मार्गों को जल्द से जल्द ठीक करने पर केंद्रित है।