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अमरनाथ यात्रा पर बारिश का असर: सुरक्षा के लिए स्थगित की गई यात्रा

कश्मीर घाटी में हो रही मूसलधार बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया। अब तक 3.93 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। यात्रा 3 जुलाई से शुरू हुई थी और 9 अगस्त को समाप्त होगी। बारिश के बावजूद, नए श्रद्धालुओं का जत्था जम्मू से रवाना हुआ है। प्रशासन मौसम की स्थिति पर नजर रख रहा है और जैसे ही मौसम सामान्य होगा, यात्रा फिर से शुरू की जाएगी।
 

अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा पर ध्यान

Amarnath Yatra: कश्मीर घाटी में हो रही लगातार मूसलधार बारिश ने श्रद्धालुओं की आस्था को चुनौती दी है। बुधवार, 30 जुलाई को, एहतियात के तौर पर अमरनाथ यात्रा को पहलगाम और बालटाल के बेस कैंप से रोक दिया गया। यह निर्णय कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने लिया, ताकि खराब मौसम में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।


यात्रा अस्थायी रूप से रोकी गई

यात्रा को अस्थायी रूप से रोकने के बावजूद, अब तक 3.93 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा बर्फानी के पवित्र गुफा मंदिर में दर्शन कर चुके हैं। यह धार्मिक यात्रा हर साल 3 जुलाई से शुरू होती है और इस वर्ष इसका समापन 9 अगस्त, रक्षाबंधन के दिन होगा।


पहलगाम और बालटाल मार्ग पर रोक

बुधवार को भारी बारिश के कारण बालटाल और नुनवान/चंदनवाड़ी रूट से श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी गई। प्रशासन ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया, क्योंकि बारिश के कारण पहाड़ी रास्ते फिसलनभरे और खतरनाक हो गए थे।


नए श्रद्धालुओं का जत्था रवाना

बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कमी नहीं आई है। सोमवार, 28 जुलाई को जम्मू से 1,490 श्रद्धालुओं का नया जत्था रवाना हुआ, जिसमें 1,262 पुरुष, 186 महिलाएं और 42 साधु-साध्वी शामिल थे। यह जत्था भगवती नगर बेस कैंप से सुबह 3:25 से 3:57 बजे के बीच सख्त सुरक्षा के बीच रवाना हुआ।


दो मार्गों से यात्रा जारी

श्रद्धालुओं का पहला काफिला चुनौतीपूर्ण 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग की ओर बढ़ा, जबकि अन्य तीर्थयात्री 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम रूट पर निकले। अब तक जम्मू से घाटी की ओर रवाना हुए श्रद्धालुओं की संख्या 14.27 लाख से अधिक हो चुकी है, जो इस साल की यात्रा में उत्साह को दर्शाता है।


यात्रा का रिकॉर्ड तोड़ आंकड़ा

पिछले वर्ष यात्रा में 5.10 लाख श्रद्धालुओं ने बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन किए थे। इस बार भी संख्या तेजी से बढ़ रही है और प्रशासन को उम्मीद है कि समापन तक यह आंकड़ा नया रिकॉर्ड बना सकता है।


मौसम की स्थिति पर नजर

प्रशासन लगातार मौसम की स्थिति पर नजर रख रहा है और सुरक्षा इंतजामों को प्राथमिकता दी जा रही है। यात्रियों से अपील की गई है कि वे धैर्य बनाए रखें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। मौसम में सुधार के बाद ही यात्रा दोबारा शुरू की जाएगी।


जल्द खुलेगा रास्ता

प्रशासन ने कहा है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और जैसे ही मौसम सामान्य होगा, यात्रा दोबारा शुरू कर दी जाएगी। इस बीच श्रद्धालुओं को हर स्थिति से अवगत कराने के लिए नियमित अपडेट जारी किए जा रहे हैं।