अमित शाह का कड़ा संदेश: आतंकियों का जनाजा नहीं, वहीं दफनाए जाएंगे
जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन महादेव का सफल निष्पादन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में जानकारी दी कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का प्रभावी जवाब भारतीय सुरक्षाबलों ने 'ऑपरेशन महादेव' के तहत दिया है। उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई में हमले के तीनों आतंकियों को उसी स्थान पर ढेर कर दिया गया, जहां उन्होंने हमला किया था।
भारत की आतंकवाद नीति में बदलाव
गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि अब भारत की आतंकवाद के प्रति नीति पूरी तरह से स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि आतंकियों का जनाजा नहीं निकलेगा, बल्कि उन्हें वहीं दफनाया जाएगा जहां वे मारे जाएंगे। विपक्ष के हंगामे के बावजूद, अमित शाह का भाषण स्पष्ट और बेबाक था।
ऑपरेशन महादेव में आतंकियों का अंत
अमित शाह ने बताया कि पहलगाम में हुए हमले के तुरंत बाद सेना ने 'ऑपरेशन महादेव' को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में वही तीन आतंकवादी मारे गए जिन्होंने हमले को अंजाम दिया था। उनके पास से मिली राइफल और गोलियों की जांच से यह स्पष्ट हो गया कि ये वही आतंकवादी थे।
सिर में गोली लगने की बात
अमित शाह ने संसद में यह भी कहा कि देशभर से लोगों की मांग थी कि इन आतंकियों को सिर में गोली मारी जाए। उन्होंने कहा कि संयोग से तीनों को सिर में ही गोली लगी। उनका यह बयान जोरदार तालियों के बीच सुनाई दिया। गृह मंत्री ने कांग्रेस पर भी हमला किया, यह कहते हुए कि कुछ विपक्षी नेताओं को 'ऑपरेशन महादेव' के नाम पर आपत्ति है।
विपक्ष की मांग: पीएम मोदी को बुलाने की अपील
अमित शाह के भाषण के दौरान विपक्ष ने लगातार हंगामा किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में बुलाने की मांग की। इस पर शाह ने पलटवार करते हुए कहा कि पीएम को क्यों बुला रहे हैं? मैं जवाब दे रहा हूं। उन्होंने बताया कि भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया।
विपक्ष का वॉकआउट
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि 16 घंटे की चर्चा के बावजूद पीएम मोदी सदन में नहीं आए, जिसे उन्होंने सांसदों और संसद का अपमान बताया। इसके बाद विपक्षी दलों ने वॉकआउट कर दिया।