अमित शाह का स्पष्ट संदेश: नक्सलियों के लिए कोई वार्ता नहीं
नक्सलियों के लिए एकमात्र विकल्प: सरेंडर
रायपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सली संगठनों के बीच चल रहे आंतरिक मतभेदों के बीच स्पष्ट किया कि सरकार के साथ कोई वार्ता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि नक्सलियों के पास केवल एक ही विकल्प है - हथियार डालना और सरेंडर करना। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके सफाए की प्रक्रिया निश्चित है, और यह मार्च 2026 तक पूरी हो जाएगी।
बस्तर में विकास की प्रतिबद्धता
अमित शाह ने बस्तर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि कुछ लोग वार्ता की बात कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि किस विषय पर चर्चा करनी है। उन्होंने बताया कि सरकार ने एक आकर्षक सरेंडर नीति बनाई है। यदि नक्सली बस्तर में शांति भंग करने के लिए हथियार का उपयोग करते हैं, तो सुरक्षा बलों का जवाब कठोर होगा। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद को समाप्त करने की समय सीमा मार्च 2026 है।
माओवादी नेताओं के बीच मतभेद
पिछले महीने, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) के प्रवक्ता एम वेणुगोपाल राव ने एक पत्र जारी किया था, जिसमें उन्होंने सशस्त्र संघर्ष समाप्त करने का आह्वान किया था। हालांकि, उनके इस बयान का अन्य माओवादी नेताओं ने विरोध किया। यह पत्र सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई के बाद आया, जिसमें कई प्रमुख माओवादी नेता मारे गए।
सरकार की विकास योजनाएं
अमित शाह ने कहा कि केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार बस्तर और अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि भाजपा शासन में मुफ्त स्वास्थ्य बीमा, धान की खरीद पर 3100 रुपए प्रति क्विंटल और एक महीने में 500 से अधिक नक्सलियों का सरेंडर जैसे ठोस कदम उठाए गए हैं। उन्होंने नक्सल मुक्त गांवों के विकास के लिए एक करोड़ रुपए देने की योजना की भी घोषणा की।