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अमित शाह ने कांग्रेस पर लगाया सुरक्षा मामलों में वोट-बैंक राजनीति का आरोप

गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में ‘ऑपरेशन महादेव’ और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर सुरक्षा मामलों में वोट-बैंक राजनीति का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सुरक्षा को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करती है, जिससे राष्ट्रीय हित प्रभावित होता है। शाह ने ऑपरेशन महादेव की सफलता की सराहना की और इसे आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक कदम बताया। संसद में इस मुद्दे पर विपक्ष और सत्ताधारी दल के बीच तीखी बहस हुई, जिसमें विपक्ष ने प्रधानमंत्री की प्रत्यक्ष टिप्पणी की मांग की। जानें इस महत्वपूर्ण चर्चा के बारे में और क्या कहा गया।
 

संसद में सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा

भारत सरकार ने लोकसभा में ‘ऑपरेशन महादेव’ और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सुरक्षा से जुड़े मामलों को वोट-बैंक की राजनीति में बदल देती है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावित होती है। शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि ‘ऑपरेशन महादेव’ को धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कदम के रूप में देखना चाहिए।


राज्यसभा में उन्होंने बताया कि ऑपरेशन महादेव के तहत पहलगाम हमले में तीन लश्कर-ए-तैयबा आतंकियों—सुलेमान, अफगानी, और जिब्रान—को मार गिराया गया। इनकी पहचान वोटर आईडी, चॉकलेट, राइफल जैसी वस्तुओं और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के माध्यम से की गई। शाह ने कांग्रेस की उस टिप्पणी पर भी सवाल उठाया जिसमें ऑपरेशन के समय को लेकर आलोचना की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ऑपरेशन महादेव की सफलता की सराहना की और इसे “बहादुर आतंकवादियों के सफाए” का कदम बताया।


अमित शाह ने संसद में विपक्ष की नाराजगी का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह की वोट-बैंक आधारित राजनीति से देश का हित बाधित होता है। उन्होंने कांग्रेस पर आतंकवाद के प्रति नरमी बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऑपरेशन महादेव को पहचान के नजरिए से नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा के दृष्टिकोण से देखना चाहिए। इस प्रकार, शाह ने कांग्रेस पर वोट-बैंक और धार्मिक विभाजन की राजनीति करने का आरोप लगाया, जिससे संसद में विपक्ष और सत्ताधारी दल के बीच गर्मागर्म बहस हुई। विपक्ष ने प्रधानमंत्री की प्रत्यक्ष टिप्पणी की मांग करते हुए राज्यसभा से वॉकआउट किया, जो राजनीतिक टकराव को और बढ़ाता प्रतीत हुआ।


अमित शाह का कहना है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा चलाए गए ऑपरेशन को धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत और निर्णायक कदम के रूप में देखा जाना चाहिए।