अमित शाह ने सीतामढ़ी में सांस्कृतिक पुनरुद्धार पर जोर दिया
सीतामढ़ी में जनसभा का आयोजन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज बिहार के सीतामढ़ी में एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सांस्कृतिक पुनरुद्धार के दृष्टिकोण की प्रशंसा की। शाह ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सनातन धर्म के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि देश आजादी के अमृत काल में अपनी पुरानी पहचान और परंपराओं को पुनर्जीवित कर रहा है।अमित शाह ने यह भी बताया कि किस प्रकार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत न केवल आर्थिक बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने कहा कि देश अपनी ऐतिहासिक धरोहरों, त्योहारों और लोकाचार को नई ऊर्जा और गर्व के साथ अपनाने की दिशा में बढ़ रहा है। सीतामढ़ी, जो माता सीता की जन्मभूमि है, इस संदर्भ में विशेष महत्व रखता है।
गृह मंत्री ने सांस्कृतिक पुनरुद्धार के अर्थ को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह केवल पुरानी चीजों को संरक्षित करने का प्रयास नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा आंदोलन है जो पहचान, आत्म-सम्मान और एकता को मजबूत करता है। उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे केवल सत्ता की राजनीति में व्यस्त हैं, जबकि पीएम मोदी राष्ट्र के उत्थान और सांस्कृतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए कार्य कर रहे हैं।
सीतामढ़ी की पवित्र भूमि पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, शाह ने बिहार के लोगों के राष्ट्रवादी जज्बे की सराहना की और उन्हें पीएम मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' के नारे से जुड़कर देश के निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार बिहार के सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र की ऐतिहासिक और पौराणिक महत्ता को उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह रैली 2025 के चुनावों को देखते हुए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जहां बीजेपी राज्य में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है। सांस्कृतिक पुनरुद्धार और राष्ट्रीय गौरव के मुद्दे हमेशा से जनता से जुड़ने के महत्वपूर्ण तरीके रहे हैं, और शाह ने इस रैली में इन्हीं मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाया।