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अमित शाह ने सुदर्शन रेड्डी पर नक्सलवाद के समर्थन का आरोप लगाया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पर नक्सलवाद के समर्थन का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वामपंथियों के दबाव में रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। शाह ने सलवा जुडूम के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि यदि यह फैसला न होता, तो नक्सलवाद 2020 तक समाप्त हो जाता। उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को होने वाले हैं, जिसमें एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और रेड्डी के बीच मुकाबला होगा।
 

केंद्रीय गृह मंत्री का बयान

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पर निशाना साधते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज नक्सलवाद के समर्थक रहे हैं। कोच्चि में एक मलयालम न्यूज वेबसाइट के कार्यक्रम में बोलते हुए, उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने वामपंथियों के दबाव में रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है।


रेड्डी का सलवा जुडूम फैसला

शाह ने कहा, 'सुदर्शन रेड्डी वही व्यक्ति हैं जिन्होंने वामपंथी उग्रवाद और नक्सलवाद के समर्थन में सलवा जुडूम का फैसला सुनाया था। यदि ऐसा नहीं होता, तो नक्सलवाद 2020 तक देश से समाप्त हो जाता। केरल ने नक्सलवाद और उग्रवाद का सामना किया है। केरल के लोग देखेंगे कि कैसे कांग्रेस ने वामपंथियों के दबाव में रेड्डी को चुना है। कांग्रेस ने एक ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया है जिसने सुप्रीम कोर्ट जैसे मंच का उपयोग उग्रवाद और नक्सलवाद के समर्थन में किया।'


सलवा जुडूम का ऐतिहासिक संदर्भ


यह ध्यान देने योग्य है कि 2011 में, न्यायमूर्ति सुदर्शन रेड्डी और न्यायमूर्ति एसएस निज्जर की बेंच ने सलवा जुडूम नामक संगठन को भंग कर दिया था। यह संगठन छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा माओवादी विद्रोह का मुकाबला करने के लिए आदिवासी युवाओं को विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) के रूप में नियुक्त करने के लिए बनाया गया था। न्यायालय ने इसे अवैध और असंवैधानिक करार दिया था।


उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीख

9 सितंबर को होगा उपराष्ट्रपति पद का चुनाव


ज्ञात हो कि एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी के बीच उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितंबर को मुकाबला होगा, और उसी दिन परिणाम भी घोषित किए जाएंगे।