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अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव का वैश्विक बाजार पर प्रभाव

अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक स्तर पर बाजारों में हलचल पैदा कर दी है। अमेरिकी वायुसेना के हवाई हमलों के बाद कच्चे तेल की कीमतों में भारी उछाल आया है, जबकि शेयर बाजार में गिरावट देखी गई है। इस संघर्ष का प्रभाव न केवल मध्य पूर्व पर, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और कैसे यह आपके निवेश को प्रभावित कर सकता है।
 

अमेरिका का सैन्य हस्तक्षेप

US Vs Iran: इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष ने अमेरिका की सैन्य कार्रवाई के साथ एक नया मोड़ लिया है, जिससे वैश्विक स्तर पर तनाव में वृद्धि हुई है। अमेरिकी वायुसेना द्वारा किए गए हवाई हमलों ने मध्य पूर्व में व्यापक संघर्ष की आशंका को और बढ़ा दिया है। इस भू-राजनीतिक संकट का प्रभाव शेयर बाजार, कच्चे तेल की कीमतों और सोने की मांग पर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है.


ईरान की परमाणु साइट्स पर हमले

अमेरिका ने ईरान की तीन प्रमुख परमाणु स्थलों - फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हवाई हमले किए हैं। सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति ने इन हमलों को तेहरान को कूटनीतिक बातचीत के लिए मजबूर करने की रणनीति के तहत अंजाम दिया। उन्होंने कहा, “हम ईरान को बातचीत की मेज पर लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन इसके लिए दबाव आवश्यक है।” इन हमलों के बाद मध्य पूर्व में तनाव चरम पर पहुंच गया है, और अमेरिकी सेना किसी भी ईरानी प्रतिक्रिया के लिए हाई अलर्ट पर है.


कच्चे तेल की कीमतों में उछाल

कच्चा तेल: कीमतें आसमान पर

अमेरिकी हमलों के बाद ईरान ने इजरायल पर अपने हमले तेज कर दिए हैं, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में भारी वृद्धि देखने को मिल रही है। पिछले सप्ताह ब्रेंट क्रूड की कीमतें 18% बढ़कर 79 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं, हालांकि बाद में यह 77 डॉलर के आसपास स्थिर हो गई। वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) भी 75 डॉलर के स्तर पर कारोबार कर रहा है.


शिपिंग बीमा कंपनियों की चेतावनी

होर्मुज जलडमरूमध्य, जो वैश्विक तेल आपूर्ति का एक प्रमुख मार्ग है, को शिपिंग बीमा कंपनियों ने उच्च जोखिम वाला क्षेत्र घोषित कर दिया है। इससे टैंकर किराए दोगुने हो गए हैं, और कई जहाजों को अपना मार्ग बदलना पड़ा है। सैक्सो मार्केट्स के एनर्जी स्ट्रेटजिस्ट ने चेतावनी दी है, “तेल पर जोखिम प्रीमियम वापस आ गया है। अगर होर्मुज जलडमरूमध्य में रुकावट आती है, तो कच्चा तेल 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है।” जेपी मॉर्गन और सिटी जैसे बैंकों ने भी अनुमान लगाया है कि कीमतें 130 डॉलर तक जा सकती हैं.


शेयर बाजार में हलचल

शेयर बाजार में हलचल, सोने की चमक बढ़ी

इस संघर्ष के कारण दुनियाभर के शेयर बाजारों में हलचल बढ़ गई है। पिछले शुक्रवार को S&P 500 और Nasdaq में भारी गिरावट देखी गई। वहीं, निवेशक अब सुरक्षित विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे अमेरिकी डॉलर और सोने की कीमतों में तेजी आई है। भारतीय शेयर बाजार ने हालांकि हफ्ते के अंत में तेजी दिखाई, जहां BSE सेंसेक्स 1046 अंक चढ़कर 82,408.17 और NSE निफ्टी 319.15 अंक बढ़कर 25,112.40 पर बंद हुआ.


बाजार पर युद्ध का प्रभाव

मार्केट विशेषज्ञों का कहना है कि सोमवार को बाजार पर इस युद्ध का बड़ा असर देखने को मिल सकता है। एक पोर्टफोलियो मैनेजर ने कहा, “इक्विटी मार्केट इस समय चाकू की धार पर है।” यदि ईरान जवाबी कार्रवाई करता है, तो बाजार में भारी गिरावट आ सकती है.