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अमेरिका और चीन के बीच रेयर अर्थ मेटल्स पर टैरिफ बढ़ाने की चर्चा

अमेरिका और चीन के बीच रेयर अर्थ मेटल्स पर चल रही तनातनी में अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने चीन पर टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि चीन निर्यात पर रोक जारी रखता है, तो अमेरिका सभी विकल्पों का उपयोग करने के लिए तैयार है। इस स्थिति में अमेरिका और चीन के बीच कोई ठोस समझौता नहीं हुआ है, और बेसेंट ने चीन की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। जानें इस मुद्दे पर और क्या हो रहा है।
 

रेयर अर्थ मेटल्स पर अमेरिका की नई रणनीति

वॉशिंगटन: अमेरिका और चीन के बीच रेयर अर्थ मेटल्स को लेकर चल रही तनावपूर्ण स्थिति भले ही कुछ समय के लिए कम हुई हो, लेकिन इसका समाधान अभी भी दूर है। अमेरिका इस मुद्दे पर नए विकल्पों की खोज में जुटा हुआ है। इसी संदर्भ में, अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने चीन पर टैरिफ बढ़ाने के संबंध में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है।


टैरिफ बढ़ाने की तैयारी: बेसेंट ने एक साक्षात्कार में कहा कि यदि चीन रेयर अर्थ के निर्यात पर रोक जारी रखता है, तो अमेरिकी प्रशासन टैरिफ बढ़ाने के लिए तैयार है। उनके बयान से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर कोई ठोस समझौता नहीं हुआ है। उल्लेखनीय है कि चीन ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह अक्टूबर में रेयर अर्थ मटीरियल्स और टेक्नोलॉजी पर लगाए गए प्रतिबंधों को एक साल के लिए निलंबित करेगा। हालांकि, बेसेंट ने चिंता व्यक्त की कि बीजिंग अपने वादों को निभाने में कई बार असफल रहा है।


चीन का बाजार पर नियंत्रण: फॉक्स न्यूज से बातचीत में, वित्त मंत्री ने कहा कि चीन ने रेयर अर्थ मेटल्स के बाजार पर लगभग एकाधिकार बना लिया है और दुर्भाग्यवश, वह कई बार विश्वसनीय साझेदार साबित नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि इन धातुओं का खनन अमेरिका सहित कई देशों में होता है, लेकिन औद्योगिक स्तर पर इन्हें प्रोसेस करने में चीन का वर्चस्व है।


भविष्य की संभावनाएं: यह निर्णय हाल ही में दक्षिण कोरिया में ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बातचीत के बाद आया है। इस समझौते पर प्रतिक्रिया देते हुए बेसेंट ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चीन भविष्य में अधिक विश्वसनीय साझेदार बनेगा।


चेतावनी: वित्त मंत्री ने चेतावनी दी कि यदि चीन अपने वादों का पालन नहीं करता है, तो अमेरिका टैरिफ बढ़ाने पर विचार करेगा। उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन सभी विकल्पों का उपयोग करने के लिए तैयार है और यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका चीन से अलग नहीं होना चाहता, बल्कि जोखिम को कम करने के लिए कदम उठाना चाहता है।