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अमेरिका का ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर हमला: बंकर बस्टर बमों का उपयोग

अमेरिकी सेना ने हाल ही में ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर बंकर बस्टर बमों से हमला किया है। इस हमले का उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कमजोर करना है। फोर्डो साइट की गहराई और सुरक्षा इसे नष्ट करने में चुनौतीपूर्ण बनाती है। जानें इस हमले के पीछे के कारण और फोर्डो की विशेषताएँ।
 

फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर अमेरिकी हमले का कारण

अमेरिकी सेना ने हाल ही में ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर हवाई हमले किए हैं। इनमें फोर्डो, नतांज और एस्फाहान शामिल हैं। बी-2 स्पिरिट बॉम्बर द्वारा फोर्डो पर बंकर बस्टर बम गिराए गए, जिससे वहां के छह बंकर नष्ट हो गए। इस हमले में एस्फाहान और नतांज पर 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें भी दागी गईं, जो 400 मील दूर तैनात पनडुब्बियों से लॉन्च की गईं।


फोर्डो न्यूक्लियर साइट का महत्व

फोर्डो न्यूक्लियर साइट, जिसे फोर्डो फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट भी कहा जाता है, अमेरिका का मुख्य लक्ष्य है। इसे ध्वस्त करना आसान नहीं है, और केवल अमेरिका ही इसे सफलतापूर्वक नष्ट कर सकता है। इस कार्य के लिए अमेरिका के पास अत्याधुनिक B-2 स्पिरिट बॉम्बर और बंकर बस्टर बम हैं।


फोर्डो की संरचना और सुरक्षा

फोर्डो न्यूक्लियर साइट 90 मीटर की गहराई में स्थित है, जिससे इसे नष्ट करना चुनौतीपूर्ण है। इसकी सुरक्षा के लिए कई सुरंगों का निर्माण किया गया है। यह साइट परमाणु ऊर्जा संगठन के नियंत्रण में है और यहां यूरेनियम का शुद्धिकरण किया जाता है।


अमेरिका द्वारा उपयोग किए जाने वाले बम

अमेरिका फोर्डो पर GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर बंकर बस्टर बम गिरा सकता है, जो 300 मीटर की गहराई तक जाकर प्रभावी होता है। यह बम अंदर जाकर सक्रिय हो जाता है और पूरे ठिकाने को नष्ट कर सकता है।


फोर्डो न्यूक्लियर साइट की विशेषताएँ

फोर्डो न्यूक्लियर साइट 54,000 वर्ग फीट में फैली हुई है और इसमें 3,000 IR-1 सेंट्रीफ्यूज लगे हैं। यहां 2024 में सेंट्रीफ्यूज की संख्या बढ़ाई गई थी। इस साइट पर 83.7% शुद्धता वाला यूरेनियम भी उत्पादित किया गया है, जो परमाणु हथियार बनाने के लिए आवश्यक है।