अमेरिका का रूस के साथ व्यापार: भारत पर आरोपों की सच्चाई
टैरिफ की घोषणा और अमेरिका की व्यापार नीति
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 6 तारीख को भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिससे भारत पर कुल टैरिफ 50 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जो कि विश्व में सबसे अधिक है। ट्रंप का कहना है कि भारत रूस से तेल खरीदकर उसकी अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है, जो यूक्रेन के लिए हानिकारक है। लेकिन अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के आंकड़े एक अलग कहानी बयां करते हैं।
अमेरिका का रूस के साथ व्यापार
आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका खुद रूस के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार कर रहा है, जो कि यूक्रेन के साथ व्यापार से कहीं अधिक है। फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद, अमेरिका का रूस के साथ व्यापार 25.233 बिलियन डॉलर रहा, जबकि यूक्रेन के साथ यह केवल 9.69 बिलियन डॉलर था।
अमेरिका का पाखंड
अमेरिका का पाखंड, खुद रूस के साथ कर रहा करोड़ों का आयात
- 2022 में अमेरिका ने रूस से 14.43 बिलियन डॉलर का आयात किया, जबकि यूक्रेन से केवल 1.503 बिलियन डॉलर का।
- 2023 में रूस से 4.57 बिलियन डॉलर और यूक्रेन से 1.39 बिलियन डॉलर का आयात किया गया।
- 2024 में रूस से 3 बिलियन डॉलर और यूक्रेन से 1.17 बिलियन डॉलर का आयात हुआ।
- 2025 में जून तक अमेरिका ने रूस से 2 बिलियन डॉलर और यूक्रेन से 769 मिलियन डॉलर का आयात किया है।
यह स्पष्ट है कि अमेरिका आयात के मामले में रूस को प्राथमिकता दे रहा है, भले ही रूस से आयात में कमी आई हो।
युद्ध के बाद रूस से आयात
युद्ध के बाद रूस से 22 बिलियन डॉलर का आयात
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अमेरिका ने रूस से 22 बिलियन डॉलर का आयात किया, जबकि यूक्रेन से केवल 4 बिलियन डॉलर का।
भारत का यूक्रेन से आयात
भारत का यूक्रेन से आयात बढ़ा
वहीं, भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में यूक्रेन से 3.38 बिलियन डॉलर का आयात किया, जबकि 2024-25 में यह आंकड़ा 1.2 बिलियन डॉलर रहा, जो अमेरिका द्वारा यूक्रेन से किए गए आयात से कहीं अधिक है।
इससे स्पष्ट होता है कि अमेरिका जो भारत पर रूस को वित्तीय सहायता देने का आरोप लगा रहा है, वह खुद यूक्रेन से अधिक रूस के साथ व्यापार कर रहा है। भारत दोनों देशों के साथ संतुलित व्यापार करने का प्रयास कर रहा है।