अमेरिका की मिसाइल उत्पादन में तेजी: क्या है इसके पीछे की रणनीति?
अमेरिका का मिसाइल उत्पादन बढ़ाने का निर्णय
US Missile Production Increase : हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका अपने सैन्य हथियारों के भंडार को लेकर चिंतित है और उसने मिसाइल उत्पादन को दोगुना और चौगुना करने का निर्णय लिया है। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि पेंटागन, जो कि अमेरिका का रक्षा मंत्रालय है, चीन के साथ संभावित संघर्ष को ध्यान में रखते हुए मिसाइल उत्पादन की गति बढ़ाने की योजना बना रहा है.
उप रक्षा सचिव की निगरानी में उत्पादन
उप रक्षा सचिव फीनबर्ग खुद कर रहे निगरानी
सूत्रों के अनुसार, इस मिशन की निगरानी अमेरिका के उप रक्षा सचिव स्टीव फीनबर्ग कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वे हर सप्ताह हथियार निर्माण कंपनियों के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठकें कर रहे हैं, जिनका उद्देश्य मिसाइल उत्पादन में आने वाली बाधाओं को समझना और उन्हें दूर करना है। हालांकि, इस पर पेंटागन या किसी सरकारी अधिकारी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.
यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य सहायता में कटौती
हथियारों की कमी से यूक्रेन को सप्लाई रोकी
जुलाई 2025 में, अमेरिका ने अपने हथियारों के भंडार में कमी को देखते हुए यूक्रेन को दी जा रही कुछ सैन्य सहायता को रोक दिया था। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एना केली ने कहा था कि अमेरिका ने यह कदम अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देने के लिए उठाया है। रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका के हथियार भंडार में एंटी-एयर मिसाइलें, लंबी दूरी की मिसाइलें और 155 एमएम आर्टिलरी शेल्स जैसी आवश्यक चीजों की भारी कमी हो गई है.
चीन के साथ तनाव के बीच सैन्य तैयारियों में तेजी
चीन से तनाव के बीच सैन्य तैयारियों में तेजी
वर्तमान में अमेरिका और चीन के बीच दक्षिण चीन सागर, ताइवान और तकनीकी क्षेत्र को लेकर तनाव बना हुआ है। इस संदर्भ में, पेंटागन की यह तैयारी विश्लेषकों के अनुसार, चीन के साथ किसी भी अप्रत्याशित स्थिति का सामना करने के लिए एक रणनीतिक पहल मानी जा रही है.
क्या यह तैयारी संभावित युद्ध का संकेत है?
क्या यह तैयारी संभावित युद्ध का संकेत है?
हालांकि अमेरिका ने अभी तक किसी युद्ध की संभावना की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन जिस तरह से हथियार उत्पादन को प्राथमिकता दी जा रही है, सैन्य समीक्षा की जा रही है, और सप्लाई चेन को मजबूत किया जा रहा है, उससे यह स्पष्ट है कि वॉशिंगटन अब शांतिपूर्ण कूटनीति के साथ-साथ सैन्य तैयारी के विकल्प को भी खुला रखे हुए है.