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अमेरिका की सीरिया में ISIS के खिलाफ बड़ी हवाई कार्रवाई

19 दिसंबर 2025 को अमेरिका ने सीरिया में ISIS के खिलाफ एक बड़े हवाई हमले का संचालन किया, जिसमें 70 से अधिक ठिकानों को नष्ट किया गया। यह कार्रवाई अमेरिकी सैनिकों पर हुए हमले का प्रतिशोध थी। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे गंभीर जवाबी कार्रवाई बताया, जबकि सीरियाई सरकार ने इसे ISIS के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम माना। जानें इस ऑपरेशन के सभी पहलुओं के बारे में।
 

अमेरिका की हवाई कार्रवाई


अमेरिका की हवाई कार्रवाई: 19 दिसंबर 2025 को, अमेरिका ने सीरिया में इस्लामिक स्टेट (ISIS) के कई ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई और तोपखाने से हमले किए। यह कार्रवाई इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी सैनिकों पर हुए हमले का प्रतिशोध थी। यह ऑपरेशन 13 दिसंबर को पाल्मायरा के पास हुए हमले के जवाब में किया गया, जिसमें दो अमेरिकी सैनिक और एक दुभाषिया की जान गई थी।


हमले का विवरण

सैन्य अधिकारियों के अनुसार, इस समन्वित हमले में 'ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक' के तहत मध्य सीरिया में ISIS के 70 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन हमलों में ISIS के कमांड सेंटर, हथियार डिपो, ट्रेनिंग कैंप, सुरंगें और लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर को नष्ट किया गया।


अमेरिकी सेना की तैनाती

इस ऑपरेशन के दौरान, अमेरिकी सेना ने F-15 और A-10 फाइटर जेट, अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर और HIMARS रॉकेट सिस्टम का उपयोग किया। जॉर्डन ने भी F-16 फाइटर जेट के साथ इस मिशन में सहयोग किया, जिससे संयुक्त हमला और प्रभावी बना।


ट्रंप का बयान

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों को 'गंभीर जवाबी कार्रवाई' बताया और चेतावनी दी कि अगर धमकियां जारी रहीं, तो ISIS के खिलाफ अभियान और तेज किया जाएगा। अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने इसे 'बदले की घोषणा' कहा, यह पुष्टि करते हुए कि कई ISIS लड़ाकों को समाप्त किया गया है।


सीरिया का समर्थन

सीरियाई सरकार ने इन हमलों का समर्थन करते हुए इसे ISIS के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। हाल के महीनों में, अमेरिकी और सीरियाई सेनाओं ने इस क्षेत्र में ISIS तत्वों के खिलाफ कई संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए हैं।


अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी

वर्तमान में, ISIS के पुनरुत्थान को रोकने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन मिशन के तहत लगभग 900 से 1,000 अमेरिकी सैनिक सीरिया में तैनात हैं। पिछले कुछ महीनों में, अमेरिकी नेतृत्व वाली सेनाओं ने ISIS कमांडरों और स्लीपर सेल को निशाना बनाते हुए हवाई और ज़मीनी हमले तेज कर दिए हैं।


ISIS को संदेश

विश्लेषकों का मानना है कि यह ऑपरेशन ISIS और क्षेत्रीय दुश्मनों को एक स्पष्ट संदेश देता है कि अमेरिकी सेना पर किसी भी हमले का तुरंत और कठोर जवाब दिया जाएगा। ISIS की कई सुविधाओं के नष्ट होने से, उम्मीद है कि यह ऑपरेशन मध्य सीरिया में आतंकी समूह की क्षमता को काफी कमजोर कर देगा।