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अमेरिका के हमले के बाद मोदी का ईरान के राष्ट्रपति से संवाद

इस सप्ताह अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु स्थलों पर हमले के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति से बातचीत की। मोदी ने नागरिकों की सुरक्षा और क्षेत्रीय शांति पर जोर दिया। इस वार्ता में चाबहार बंदरगाह जैसे आर्थिक सहयोग पर भी चर्चा हुई। जानें इस महत्वपूर्ण संवाद के पीछे की बातें और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए उठाए गए कदम।
 

अमेरिका का सैन्य हमला

इस सप्ताह, अमेरिका ने ईरान के तीन महत्वपूर्ण परमाणु स्थलों—फोर्डो, नटांज़ और इज़फाहान—पर बंकर-बस्टर बम और टोमहॉक मिसाइलों से हमला किया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसे एक “विशाल सैन्य सफलता” करार दिया और चेतावनी दी कि यदि ईरान शांति की इच्छा नहीं रखता, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।


इस हमले के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति से फोन पर बात की। पीएमओ के अनुसार, मोदी ने राष्ट्रपति को बताया कि इस तनावपूर्ण स्थिति में सभी को सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने आक्रामकता को रोकने, मानवीय सहायता जारी रखने और क्षेत्र में शांति बहाल करने की आवश्यकता पर जोर दिया।


मोदी ने ट्वीट किया: “पश्चिम एशिया की कठिन परिस्थितियों और अमेरिकी हमले से उत्पन्न स्थिति पर ईरान के राष्ट्रपति के साथ विचार साझा किए। नागरिकों को हो रही क्षति और हिंसा गहरी चिंता का विषय है।”


उन्होंने कूटनीतिक विचारों के आदान-प्रदान और द्विपक्षीय सहयोग, विशेषकर चाबहार बंदरगाह जैसे क्षेत्रीय परियोजनाओं पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने पर सहमति जताई।


वार्ता का महत्व

1. मानवीय पहल – पीएम मोदी ने अमेरिकी हमले के दौरान नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।


2. क्षेत्रीय सहयोग – चाबहार बंदरगाह जैसे प्रोजेक्ट्स पर चर्चा से इस क्षेत्र में आर्थिक साझेदारी की दिशा बनी।


3. शांति पहल – द्विपक्षीय सहमति ने यह संदेश दिया कि भारत तनाव कम करने और कूटनीतिक समाधान खोजने के पक्ष में है।