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अमेरिका-चीन व्यापार संघर्ष: ट्रंप ने 100% टैरिफ लगाने की घोषणा की

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन द्वारा दुर्लभ मृदा खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद 1 नवंबर 2025 से चीन से आने वाले सभी उत्पादों पर 100% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह कदम चीन की आक्रामक नीतियों के खिलाफ उठाया गया है। जानें इस व्यापार संघर्ष का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा।
 

चीन के प्रतिबंधों के बाद बढ़ा तनाव

न्यूयॉर्क: चीन ने अमेरिकी उद्योगों के लिए आवश्यक दुर्लभ मृदा खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे चीन की आक्रामक नीति बताते हुए, चीन से आयातित सभी उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि 1 नवंबर 2025 से अमेरिका चीन से आने वाले हर उत्पाद पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाएगा, जो पहले से लागू टैरिफ के ऊपर होगा। इसके साथ ही, अमेरिका महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर के निर्यात पर भी नियंत्रण लागू करेगा।


ट्रंप की घोषणा और चीन की प्रतिक्रिया

ट्रंप ने यह जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर साझा की। उन्होंने कहा कि यह कदम चीन की नई कार्रवाइयों के जवाब में उठाया जा रहा है और यह अमेरिका के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह नीति विशेष रूप से चीन के लिए है और अन्य देशों के साथ अलग रुख अपनाया जाएगा।


अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

आर्थिक विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिका पहले से ही चीन के अधिकांश उत्पादों पर भारी शुल्क वसूल कर रहा है। वर्तमान में औसत प्रभावी टैरिफ दर लगभग 40 प्रतिशत है, जिसमें स्टील और एल्यूमीनियम पर 50 प्रतिशत और उपभोक्ता वस्तुओं पर लगभग 7.5 प्रतिशत शुल्क शामिल है।


चीन के नए नियम

हाल ही में ट्रंप ने कहा था कि वह दक्षिण कोरिया यात्रा के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से नहीं मिलेंगे। उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि चीन ने रेयर अर्थ पर प्रतिबंध जारी रखा, तो अमेरिका और सख्त कदम उठाएगा। उनका कहना था कि चीन दुनिया की सप्लाई चेन को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है और इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर चिप्स व अन्य हाई-टेक उद्योगों के लिए जरूरी धातुओं तक पहुंच सीमित कर रहा है।


चीन का दावा

चीन ने दो दिन पहले रेयर अर्थ और उनसे संबंधित तकनीकों के निर्यात पर नए नियम लागू करने की घोषणा की थी। अब विदेशी कंपनियों को ऐसे उत्पादों के निर्यात से पहले चीन की विशेष अनुमति लेनी होगी, जिनमें इन खनिजों का प्रयोग होता है। चीन का कहना है कि यह कदम उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए उठाया गया है, ताकि इन संसाधनों का उपयोग सैन्य या अन्य संवेदनशील उद्देश्यों में न हो सके।


वैश्विक व्यापार पर प्रभाव

विशेषज्ञों का मानना है कि यह टकराव आने वाले महीनों में वैश्विक व्यापार व्यवस्था पर बड़ा असर डाल सकता है, क्योंकि रेयर अर्थ तत्व आधुनिक तकनीकी उपकरणों, इलेक्ट्रिक वाहनों और रक्षा प्रणालियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।