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अमेरिका द्वारा भारत पर 25% टैरिफ का प्रभाव: उद्योगों पर पड़ने वाले असर

अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा ने भारतीय उद्योगों में हलचल मचा दी है। इससे ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स, और ज्वेलरी जैसे क्षेत्रों पर गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत की अर्थव्यवस्था और रुपये की वैल्यू पर भी दबाव डाल सकता है। जानें इस टैरिफ के विभिन्न उद्योगों पर पड़ने वाले प्रभाव और अमेरिकी उपभोक्ताओं पर इसके संभावित असर के बारे में।
 

अमेरिका का टैरिफ निर्णय

अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इस कदम से अमेरिका में भारतीय सामान की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे भारतीय कंपनियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। टैरिफ की घोषणा के तुरंत बाद गिफ्ट निफ्टी में भी गिरावट आई, जो 0.70% यानी 174 अंक गिरकर 24,860 के स्तर पर पहुंच गया। राष्ट्रपति ट्रंप ने टैरिफ के साथ-साथ भारत पर पेनाल्टी लगाने की भी बात की है। यह टैरिफ भारतीय निर्यातकों, विशेषकर ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स, और रत्न-आभूषण उद्योगों पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था और रुपये की वैल्यू पर भी दबाव डाल सकता है।


टेक्सटाइल और गारमेंट्स उद्योग

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा कपड़ा, फुटवियर और जूते का आयातक है। 25% टैरिफ से ये उत्पाद महंगे हो सकते हैं, जिससे निर्यात पर गंभीर असर पड़ेगा।


ज्वेलरी और डायमंड उद्योग

भारत प्रमुख डायमंड निर्यातक देशों में से एक है। 25% टैरिफ से अमेरिकी बाजार में कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे मांग में कमी आ सकती है।


ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स उद्योग

स्टील और एल्युमिनियम पर पहले से 25% टैरिफ लागू है। यदि ऑटो सेक्टर पर भी इसी दर का टैरिफ लगाया जाता है, तो भारतीय ऑटो निर्यात को बड़ा झटका लग सकता है।


मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और केमिकल्स उद्योग

भारत अमेरिका को लगभग 14 अरब डॉलर से अधिक के मोबाइल, टेलीकॉम और इलेक्ट्रॉनिक सामान निर्यात करता है। टैरिफ से इन उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं और निर्यात में कमी आ सकती है। अमेरिका ने पहले एपल को भी भारत में फोन निर्माण पर रोक लगाने की बात कही थी।


एक नजर में समझें


  • निर्यात से जुड़े भारतीय उद्योगों को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

  • लगभग 30 अरब डॉलर के व्यापार पर असर होगा, जिससे भारत की जीडीपी में 0.19% से 0.9% तक कमी आने का अनुमान है।

  • इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, रत्न-आभूषण और फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।

  • उत्पादन लागत बढ़ने से मैन्युफैक्चरिंग में कमी आ सकती है और व्यापार मंदा हो सकता है।

  • आईटी और सेवा क्षेत्र पर सीधे असर कम होगा।

  • अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए भारतीय उत्पादों पर टैरिफ के कारण उपभोक्ता कीमतों में 1.5% तक वृद्धि हो सकती है, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर महंगाई का नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है।

  • ट्रम्प का यह निर्णय भारत-यूएस व्यापार वार्ता को प्रभावित करेगा, जिससे व्यापार समझौते पर आगे की वार्ता मुश्किल हो सकती है।


पहले ही दिया था संकेत

डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि यदि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को अंतिम रूप नहीं दिया गया, तो भारत को 25% तक के टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।