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अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर किया सफल हमला

अमेरिका ने हाल ही में ईरान के तीन महत्वपूर्ण परमाणु स्थलों पर सफल हवाई हमले किए हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताया है, जिसमें सभी अमेरिकी विमान सुरक्षित लौट आए। ईरान की एटॉमिक एनर्जी ऑर्गनाइजेशन ने हमलों की पुष्टि की है, लेकिन कोई रेडियोएक्टिव रिसाव नहीं होने का दावा किया है। जानें इस हमले के पीछे की पूरी कहानी और ट्रंप का बयान।
 

अमेरिका का ईरान पर हमला

US Strikes Iran: अमेरिका ने शनिवार को ईरान के तीन महत्वपूर्ण परमाणु स्थलों - नतांज, फोर्डो और इस्फहान - पर सटीक और शक्तिशाली हवाई हमले किए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे 'अत्यंत सफल' करार दिया और कहा कि 'सभी विमान सुरक्षित लौट आए हैं।'


ईरान की एटॉमिक एनर्जी ऑर्गनाइजेशन ने इन हमलों की पुष्टि की, लेकिन यह भी कहा कि 'कोई रेडियोएक्टिव रिसाव नहीं हुआ है।'


हमले के लक्ष्य

निशाना बने कौन से ठिकाने?


नतांज एनरिचमेंट सुविधा: यह ईरान की प्रमुख यूरेनियम संवर्धन सुविधा है, जो तेहरान से 220 किमी दूर स्थित है, जहां यूरेनियम को 60% तक संवर्धित किया जाता है। फोर्डो एनरिचमेंट साइट: यह कोम के पास एक पहाड़ी के नीचे स्थित है, जिसे 'फुल पेलोड बम' से नष्ट किया गया। इस्फहान सुविधा में चीनी रिसर्च रिएक्टर्स और प्रयोगशालाएं शामिल हैं, जिन्हें भी निशाना बनाया गया।


उपयोग किए गए बम और विमान

कौन-से बम और विमान हुए इस्तेमाल?


ईरान के गहरे भूमिगत परमाणु ठिकानों को नष्ट करने के लिए अमेरिका ने GBU-57 Massive Ordnance Penetrator (MOP) का उपयोग किया, जो 30,000 पाउंड वजनी बंकर बस्टर बम है और यह पृथ्वी की सतह के नीचे जाकर विस्फोट करता है।


इन बमों को ले जाने के लिए B-2 Spirit स्टील्थ बॉम्बर का इस्तेमाल किया गया, जो 9,600 किलोमीटर तक बिना रिफ्यूलिंग उड़ान भर सकता है और दुश्मन की कड़ी सुरक्षा को भेद सकता है।


ट्रंप का बड़ा ऐलान

ट्रंप का बड़ा ऐलान


हमले के बाद ट्रंप ने Truth Social पर लिखा, 'हमने फोर्डो, नतांज और इस्फहान में तीन परमाणु साइट्स पर बेहद सफल हमला पूरा किया है। सभी अमेरिकी विमान ईरानी हवाई क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकल चुके हैं। यह अमेरिका, इजराइल और दुनिया के लिए ऐतिहासिक क्षण है। ईरान को अब यह युद्ध समाप्त करने पर सहमत होना चाहिए। धन्यवाद!'