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अमेरिका ने पाकिस्तान को नई आधुनिक मिसाइलें देने से किया इनकार

अमेरिका ने पाकिस्तान को नई आधुनिक मिसाइलें देने से इनकार कर दिया है, जिससे दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ सकता है। वाशिंगटन ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान को केवल कुछ हथियारों की आपूर्ति की जाएगी, लेकिन अत्याधुनिक मिसाइलों की डिलीवरी नहीं होगी। अमेरिकी दूतावास ने मीडिया रिपोर्टों का खंडन करते हुए कहा कि यह अनुबंध केवल रखरखाव और पुर्जों के लिए है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और अमेरिका का स्पष्टीकरण क्या है।
 

अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में नया मोड़

अमेरिका ने पाकिस्तान को कई क्षेत्रों में सहायता देने के वादों के बीच एक बड़ा झटका दिया है। वाशिंगटन ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान को कुछ हथियारों की आपूर्ति की जाएगी, लेकिन आधुनिक मिसाइलों या नए हथियारों की डिलीवरी नहीं की जाएगी। अमेरिका ने उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है जिनमें कहा गया था कि उसने पाकिस्तान को अत्याधुनिक AIM-120 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की बिक्री को मंजूरी दी है।


अमेरिकी दूतावास का स्पष्टीकरण

आज सुबह, अमेरिकी दूतावास ने एक स्पष्टीकरण जारी किया जिसमें कहा गया कि संदर्भित अनुबंध का कोई भी हिस्सा पाकिस्तान को नई उन्नत मध्यम दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों (AMRAAM) की आपूर्ति के लिए नहीं है। हालांकि, दूतावास ने यह भी कहा कि मीडिया रिपोर्टों में जिस अनुबंध का उल्लेख किया जा रहा है, वह पाकिस्तान सहित कई देशों के लिए रखरखाव और पुर्जों के लिए है। इसका मतलब यह हो सकता है कि अनुबंध में उन मिसाइलों की पुनःपूर्ति शामिल हो सकती है जिनका पाकिस्तान ने हाल ही में उपयोग किया है।


महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण

पाकिस्तान को नए हथियारों की आपूर्ति को लेकर अमेरिका का स्पष्टीकरण महत्वपूर्ण है, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद, जब भारतीय और पाकिस्तानी सेनाएं हवाई युद्ध में उलझी थीं। हाल के दिनों में, कई मीडिया संस्थानों ने रिपोर्ट किया था कि पाकिस्तान को अमेरिका से एआईएम-120 एएमआरएएएम मिसाइलें मिलने की संभावना है, जो उसके एफ-16 बेड़े को मजबूत कर सकती हैं और क्षेत्रीय हवाई संतुलन को प्रभावित कर सकती हैं।


अटकलों को हवा देने वाली रिपोर्टें

मीडिया और प्रशासन की रिपोर्टों ने यह अटकलें लगाई थीं कि अमेरिका पाकिस्तान को क्षमता उन्नयन की पेशकश कर रहा है। हालांकि, अमेरिकी दूतावास का बयान इन अटकलों का खंडन करता है। यह स्पष्ट करता है कि यह अनुबंध स्थायी है, जिसका उद्देश्य मौजूदा प्रणालियों का समर्थन करना है, न कि उन्हें बढ़ाना।


अनुबंध का विवरण

अमेरिकी युद्ध विभाग द्वारा 41.7 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुबंध संशोधन को रेथियॉन मिसाइल्स एंड डिफेंस को AMRAAM C-8 और D-3 वेरिएंट के निरंतर उत्पादन के लिए दिया गया था। इससे अनुबंध का कुल मूल्य लगभग 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाता है और कार्य 30 मई, 2030 तक पूरा होने वाला है। इस अनुबंध में पाकिस्तान को शामिल करना 30 से अधिक सहयोगी देशों से जुड़े एक व्यापक विदेशी सैन्य बिक्री कार्यक्रम का हिस्सा है। अमेरिकी दूतावास ने जोर देकर कहा कि यह अनुबंध पाकिस्तान की हवाई युद्ध क्षमताओं की नई बिक्री या वृद्धि का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।