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अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को आतंकवादी संगठन घोषित किया: जानें इसके पीछे की कहानी

अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और इसकी मजीद ब्रिगेड को आधिकारिक रूप से आतंकवादी संगठन घोषित किया है। यह निर्णय अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा जारी किया गया है, जो पाकिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों के बीच आया है। बलूचिस्तान, जो पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान के बीच स्थित है, एक ऐसा क्षेत्र है जहां अलगाववादी आंदोलन लंबे समय से चल रहे हैं। बीएलए का गठन राजनीतिक दमन और आर्थिक शोषण के खिलाफ हुआ था। जानें इस संगठन के इतिहास, प्रमुख चेहरे और हमलों में इसकी भूमिका के बारे में।
 

अमेरिका का बड़ा कदम

Balochistan Liberation Army: अमेरिका ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय अलगाववादी समूह बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और इसकी आत्मघाती विंग मजीद ब्रिगेड को आधिकारिक रूप से विदेशी आतंकवादी संगठन के रूप में मान्यता दी है। यह निर्णय अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा सोमवार को जारी एक बयान में बताया गया। यह कदम उस समय उठाया गया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।


आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण कदम

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि इस संगठन को आतंकवादी घोषित करना इस संकट के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है और यह आतंकवादी गतिविधियों के लिए समर्थन को कम करने का एक प्रभावी उपाय है। 2019 में कई हमलों के बाद बीएलए को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) संगठन के रूप में वर्गीकृत किया गया था। हाल ही में, मार्च में, इस संगठन ने क्वेटा से पेशावर जा रही ट्रेन को हाईजैक करने की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें कई यात्री और सैनिक मारे गए थे।


बलूचिस्तान का भूगोल


कहां स्थित है बलूचिस्तान?

बलूचिस्तान एक विशाल क्षेत्र है जो पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान के बीच फैला हुआ है, जिसमें पाकिस्तान का सबसे बड़ा हिस्सा दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। यह क्षेत्र पश्चिम में ईरान, उत्तर-पश्चिम में अफगानिस्तान और दक्षिण-पूर्व में सिंध से सीमा साझा करता है। इसके दक्षिण में अरब सागर के किनारे लंबी तटरेखा है। इसकी राजधानी क्वेटा है, जो 15 लाख से अधिक जनसंख्या के साथ पाकिस्तान का दसवां सबसे बड़ा शहर है।


बीएलए का परिचय

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी क्या है?

बीएलए एक सशस्त्र अलगाववादी संगठन है जो बलूच लोगों की स्वतंत्रता की मांग करता है। इसका गठन पाकिस्तान सरकार द्वारा दशकों से चल रहे राजनीतिक दमन, आर्थिक शोषण और सैन्य दमन के विरोध में हुआ। 2000 के दशक की शुरुआत में उभरे इस संगठन को पाकिस्तान और कई पश्चिमी देशों द्वारा पहले से ही आतंकवादी संगठन माना जाता रहा है। अब अमेरिका ने भी इसे आधिकारिक रूप से FTO सूची में शामिल कर लिया है।


अलगाववाद की जड़ें

बलूचिस्तान में अलगाववाद की जड़ें

पाकिस्तान का सबसे बड़ा क्षेत्र होने के बावजूद, बलूचिस्तान की जनसंख्या सबसे कम है। 1948 में इसे पाकिस्तान में विलय किया गया, जिसके बाद से यहां कई अलगाववादी आंदोलन हुए। यह प्रांत खनिज संसाधनों जैसे कोयला, सोना, तांबा और गैस से समृद्ध है, लेकिन आर्थिक दृष्टि से पाकिस्तान का सबसे गरीब क्षेत्र बना हुआ है। ग्वादर पोर्ट और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) यहां के लिए रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं।


बीएलए का गठन और विकास

BLA का गठन और विस्तार

1947 के बाद से बलूचिस्तान में पांच बड़े विद्रोह हुए हैं, लेकिन असली संघर्ष 2000 के दशक की शुरुआत में तेज हुआ। इसी दौरान नवाब खैर बख्श मर्री के बेटे बलाच मर्री के नेतृत्व में बीएलए का गठन हुआ। 2006 में प्रमुख बलूच नेता नवाब अकबर बुगती की हत्या के बाद विद्रोह और उग्र हो गया। बलाच मर्री की मौत के बाद भी संगठन की गतिविधियां जारी रहीं और इसे पाकिस्तान से पूर्ण स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध घोषित किया गया।


बीएलए के प्रमुख चेहरे

BLA के प्रमुख चेहरे

रिपोर्टों के अनुसार, बशीर जैब बलूच वर्तमान में बीएलए का प्रमुख है, जिसने असलम बलूच की मौत के बाद नेतृत्व संभाला। उनके डिप्टी हम्माल रेहान मजीद ब्रिगेड के संचालन की देखरेख करते हैं। पूर्व पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी रहमान गुल बलूच भी इस संगठन से जुड़े हैं, जिन्होंने लड़ाकों को उन्नत सैन्य प्रशिक्षण दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


भर्ती और समर्थन

भर्ती और समर्थन

BLA युवाओं, पेशेवरों और प्रशिक्षित सैनिकों को अपनी पंक्ति में शामिल करता है। इसकी लोकप्रियता के कारण भर्ती में कोई कठिनाई नहीं होती। संगठन में आईटी विशेषज्ञ और डेटा विश्लेषक जैसे उच्च शिक्षित लोग भी सक्रिय हैं, जिससे सोशल मीडिया पर इसकी पहुंच मजबूत बनी रहती है।


हमलों में बीएलए की भूमिका

हमलों में BLA की भूमिका

BLA पर पाकिस्तान में सुरक्षा बलों, सरकारी ढांचे और CPEC परियोजनाओं पर हमलों के आरोप हैं। 2018 में मजीद ब्रिगेड ने कराची स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास और ग्वादर होटल पर हमलों की जिम्मेदारी ली थी। 2024 में कराची एयरपोर्ट और ग्वादर पोर्ट पर आत्मघाती हमले और 2025 में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैक इसकी बड़ी कार्रवाइयों में शामिल हैं।