अमेरिका-भारत व्यापार समझौते पर ट्रंप का बयान
ट्रंप का व्यापार समझौते पर बयान
नई दिल्ली - अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार समझौते के संदर्भ में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि उनके प्रशासन ने कई देशों को आयातित उत्पादों पर लागू होने वाले टैरिफ के बारे में पत्र भेजना शुरू कर दिया है। ट्रंप ने कहा, 'हमने ब्रिटेन और चीन के साथ समझौते किए हैं, और अब हम भारत के साथ भी एक समझौते के करीब हैं।'
ट्रंप ने आगे कहा, 'हमने अन्य देशों से भी बातचीत की है, लेकिन हमें लगता है कि हम समझौता नहीं कर पाएंगे, इसलिए हमने उन्हें पत्र भेजा है। यदि आप अमेरिका में सामान भेजना चाहते हैं, तो आपको टैरिफ का भुगतान करना होगा।' भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता लगभग अंतिम चरण में है, और जल्द ही इसकी घोषणा की जा सकती है। ट्रंप का यह बयान उस समय आया है जब अमेरिकी प्रशासन ने 2 जुलाई से लागू उच्च टैरिफ के निलंबन को 9 जुलाई से बढ़ाकर 1 अगस्त कर दिया है। इससे भारत को अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए तीन सप्ताह का अतिरिक्त समय मिल गया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले सप्ताह कहा था कि भारत किसी भी व्यापार समझौते को समयसीमा के आधार पर नहीं करता है और यह तभी स्वीकार करेगा जब यह पूरी तरह से अंतिम रूप ले लेगा और राष्ट्रीय हित में होगा। कृषि और डेयरी क्षेत्र में अमेरिका को टैरिफ में रियायतें देना भारत के लिए चुनौतीपूर्ण है। भारत ने अब तक अपने किसी भी मुक्त व्यापार समझौते में डेयरी क्षेत्र के लिए दरवाजे नहीं खोले हैं। इस बीच, ट्रंप प्रशासन ने सोमवार को विभिन्न देशों को पत्र भेजे हैं, जिसमें उन देशों के सामान पर अमेरिका द्वारा लगाए जाने वाले टैरिफ का विवरण दिया गया है। ट्रंप ने कहा, 'हम विभिन्न देशों को पत्र भेजकर बता रहे हैं कि उन्हें कितना शुल्क देना होगा।'
बांग्लादेश, बोस्निया एवं हर्जेगोविना, कंबोडिया, इंडोनेशिया, जापान, कजाकिस्तान, लाओ पीपल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, मलेशिया, सर्बिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और ट्यूनीशिया को ट्रंप द्वारा हस्ताक्षरित पत्र भेजे गए हैं। ट्रंप ने कहा, 'ये देश अमेरिका को 'लूट' रहे हैं और हम पर ऐसे टैरिफ लगा रहे हैं जो पहले कभी नहीं लगाए गए। कुछ देशों ने 200 प्रतिशत शुल्क लगा रखा है, जिससे व्यापार असंभव हो गया है।'