अमेरिका में एच-1बी वीजा की फीस में भारी वृद्धि, भारतीय पेशेवरों पर पड़ेगा असर
एच-1बी वीजा की नई फीस
नई दिल्ली: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा की फीस को बढ़ाकर 1 लाख डॉलर (लगभग 80 लाख रुपये) कर दिया है। यह निर्णय भारतीय पेशेवरों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस वीजा का सबसे अधिक लाभ भारतीय नागरिकों को मिलता रहा है।
भारतीयों पर प्रभाव
रिपोर्ट्स के अनुसार, एच-1बी वीजा धारकों में लगभग 70 प्रतिशत भारतीय हैं। इस फीस में वृद्धि उनके लिए एक बड़ा झटका साबित होगी। ट्रंप प्रशासन और भी सख्त नियम लागू करने की योजना बना रहा है, जिससे यह निर्धारित होगा कि कौन से व्यक्ति और कंपनियां इस वीजा का लाभ उठा सकेंगी।
नियमों में प्रस्तावित बदलाव
अमेरिका के गृह विभाग ने एच-1बी वीजा से संबंधित नियमों में बदलाव का प्रस्ताव रखा है। यह वीजा अस्थायी श्रेणी में आता है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियां विदेशी तकनीकी पेशेवरों को नियुक्त कर सकती हैं। एच-1बी वीजा की शुरुआत 1990 के इमिग्रेशन एक्ट के तहत हुई थी, जिसमें हर साल 65 हजार वीजा जारी किए जाते हैं, और अमेरिका की यूनिवर्सिटी से मास्टर्स करने वाले 20 हजार छात्रों को अतिरिक्त छूट दी जाती है।
एच-1बी वीजा के लाभार्थियों का आंकड़ा
प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में एच-1बी वीजा प्राप्त करने वाले तीन-चौथाई भारतीय थे। इनमें से 60 प्रतिशत लोग कंप्यूटर और आईटी क्षेत्र में कार्यरत हैं, जबकि अन्य स्वास्थ्य, बैंकिंग, विश्वविद्यालय और अन्य संस्थानों से जुड़े हुए हैं। इस निर्णय का भारतीय आईटी कंपनियों और पेशेवरों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि अमेरिका में नौकरी पाने की लागत अब पहले से कहीं अधिक बढ़ जाएगी।