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अमेरिका में शटडाउन: सरकारी कामकाज ठप, कर्मचारियों की सैलरी रोकी गई

अमेरिका में शटडाउन की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसके चलते सरकारी कामकाज ठप हो गया है। कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा गया है और उनकी सैलरी भी रोकी जा रही है। यह स्थिति तब आई जब संसद में अस्थायी फंडिंग बिल पास नहीं हो सका। रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के बीच स्वास्थ्य देखभाल के खर्च को लेकर मतभेद हैं, जिससे शटडाउन की स्थिति और भी गंभीर हो गई है। जानें इस मुद्दे पर और क्या हो रहा है।
 

अमेरिका में शटडाउन की स्थिति

अमेरिका में सरकारी कार्यों को रोकने का निर्णय लिया गया है, जिसके चलते कर्मचारी छुट्टी पर भेजे जाएंगे। कुछ समय के लिए वेतन भी रोका जाएगा और नौकरी जाने का खतरा भी उत्पन्न हो गया है। इस प्रकार, अमेरिका की आर्थिक स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित हुई है और शटडाउन लागू हो चुका है। अमेरिकी संसद में अस्थायी फंडिंग बिल पास नहीं हो सका, जिससे सरकार के पास आगे के कार्यों के लिए आवश्यक फंडिंग नहीं है। जब फंडिंग नहीं होती, तो सरकार को गैर-जरूरी विभागों के कार्यों को भी रोकना पड़ता है। इससे पहले, डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन ने 21 नवंबर तक फंडिंग जारी रखने के लिए एक स्टॉप गैप फंडिंग बिल पेश किया था, लेकिन यह सदन में 55-45 के वोट से पास नहीं हो सका। इसके बाद, व्हाइट हाउस के बजट कार्यालय ने एजेंसियों को शटडाउन की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए।


रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के बीच मतभेद

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के बीच स्वास्थ्य देखभाल के खर्च को लेकर मतभेद हैं। डेमोक्रेट्स स्वास्थ्य देखभाल से जुड़ी सब्सिडी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, जबकि रिपब्लिकन इसका विरोध कर रहे हैं। इसी कारण डेमोक्रेट्स ने फंडिंग बिल का विरोध किया है। बिल को पास करने के लिए सदन में 60 वोटों की आवश्यकता होती है, लेकिन रिपब्लिकन केवल 55 वोट ही जुटा सके। अब दोनों पक्ष एक-दूसरे पर शटडाउन का आरोप लगा रहे हैं। रिपब्लिकन का कहना है कि डेमोक्रेट्स की मांगें अनुचित हैं। डेमोक्रेट्स का तर्क है कि यदि स्वास्थ्य देखभाल के मुद्दे पर समझौता किया जाता, तो शटडाउन से बचा जा सकता था।


ट्रंप सरकार की स्थिति

अमेरिकी राजनीति इस समय गतिरोध में है। व्हाइट हाउस का बजट अधिकारी एक मेमो जारी करेगा, जो लागू होगा। इसका सबसे पहला असर संघीय कर्मचारियों पर पड़ेगा, जहां लगभग 7.5 लाख कर्मचारियों को अस्थायी रूप से बिना वेतन काम करना पड़ेगा या घर पर रहना होगा। राजनीतिक दबाव और नुकसान को देखते हुए ट्रंप पर बैकफुट पर आने का दबाव बढ़ता जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ट्रंप सख्त रुख अपनाए रखते हैं, तो जनता का गुस्सा उन पर फूट सकता है।


ट्रंप का विपक्ष पर कटाक्ष

ट्रंप ने सोशल मीडिया पर विपक्ष का मजाक उड़ाते हुए कहा कि वे चुनाव में भारी अंतर से हार गए हैं और अब भी नहीं बदले हैं। ट्रंप और डेमोक्रेट नेताओं के बीच कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन दोनों पक्ष अपनी-अपनी शर्तों पर अड़े हुए हैं।