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अमेरिका में हिरासत में रही Stateless फिलिस्तीनी युवती की कहानी

Ward Sakic, a Stateless Palestinian woman, faced a harrowing four-month detention in the US after returning from her honeymoon. Despite marrying an American citizen, she was subjected to inhumane treatment by immigration authorities. Her story sheds light on the struggles faced by Stateless individuals in the immigration system. After her release, she expressed her relief and joy at finally being reunited with her husband. This article explores her journey, the challenges of her immigration status, and the broader implications for human rights.
 

वॉर्ड साकीक की हिरासत

वॉर्ड साकीक की हिरासत: 22 वर्षीय वॉर्ड साकीक, जो एक Stateless फिलिस्तीनी हैं, अमेरिका में चार महीने तक इमिग्रेशन डिटेंशन में रहीं। उन्हें मियामी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अमेरिकी इमिग्रेशन और कस्टम्स एन्फोर्समेंट (ICE) द्वारा हिरासत में लिया गया जब वे अपने हनीमून से लौट रही थीं।


अपनी रिहाई के बाद, साकीक ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'मुझे बिना पानी और खाने के 16 घंटे तक हथकड़ी लगाकर बस में घुमाया गया। मुझे ऐसे ले जाया गया जैसे मैं मवेशी हूं।' उन्होंने यह भी कहा, 'सरकार मुझे एक ऐसी जगह फेंकने जा रही थी, जहां मुझे कुछ नहीं पता था, न रास्ता, न मकसद।'


अमेरिकी नागरिक से शादी के बावजूद मिली कठिनाई

अमेरिकी नागरिक से शादी के बावजूद मिला अनचाहा 'इनाम'


वॉर्ड ने अमेरिकी नागरिक ताहिर शेख से विवाह किया था। दोनों ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा से बचने के लिए यूएस वर्जिन आइलैंड्स में हनीमून की योजना बनाई थी, क्योंकि उनकी ग्रीन कार्ड प्रक्रिया चल रही थी। लेकिन अमेरिका लौटते समय उन्हें हिरासत में ले लिया गया।


रिहाई के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, 'मैं बहुत खुश थी, थोड़ी हैरान भी। पांच महीने बाद पहली बार पेड़ देखा।' पति से मिलने के पल को याद करते हुए साकीक ने कहा, 'मैं चिल्लाई, ओ माय गॉड! अब मैं उसे बिना हथकड़ी और शीशे के छू सकती हूं। यही असली आज़ादी थी।'


अमेरिका में जीवन की चुनौतियाँ

US में रहना बना संघर्ष


साकीक का जन्म सऊदी अरब में हुआ था, लेकिन वहां जन्म से नागरिकता नहीं मिलती। उनका परिवार अमेरिका टूरिस्ट वीजा पर आया और शरण की मांग की, जो अस्वीकार कर दी गई। हालांकि, नियमित चेक-इन करने की शर्त पर वे टेक्सास में रह सकते थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी सरकार ने दो बार उन्हें डिपोर्ट करने की कोशिश की है। पहली बार, उन्हें उस समय इजरायल बॉर्डर भेजा जा रहा था जब इजरायल, ईरान पर एयरस्ट्राइक कर रहा था।