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अमेरिकी न्याय विभाग ने एपस्टीन मामले में जारी किए दस्तावेज, ट्रंप का नाम संदिग्ध पत्र में शामिल

अमेरिकी न्याय विभाग ने जेफरी एपस्टीन से जुड़े 30,000 पन्नों के दस्तावेज़ जारी किए हैं, जिसमें एक संदिग्ध पत्र में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम शामिल है। DOJ ने इस पत्र को फर्जी करार दिया है, जिसमें कई गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं। जानें इस पत्र में क्या लिखा था और एपस्टीन के विवादास्पद इतिहास के बारे में।
 

अमेरिका में एपस्टीन से जुड़े दस्तावेजों की नई हलचल

वॉशिंगटन: कुख्यात यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन से संबंधित दस्तावेजों को लेकर अमेरिका में फिर से चर्चा तेज हो गई है। अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) ने एपस्टीन मामले से जुड़ी लगभग 30,000 पन्नों की नई फाइलें सार्वजनिक की हैं। इस रिलीज़ में एक संदिग्ध पत्र भी शामिल है, जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम विवादास्पद संदर्भ में आया है, लेकिन DOJ ने कुछ ही घंटों में स्पष्ट किया कि यह दस्तावेज़ नकली है।


DOJ के अनुसार, एफबीआई की जांच में इस पत्र में कई गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। हस्तलेखन एपस्टीन से मेल नहीं खाता, लिफाफे पर आवश्यक कैदी नंबर नहीं था, रिटर्न एड्रेस गलत था, और सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पत्र पर एपस्टीन की मौत के तीन दिन बाद का पोस्टमार्क था।


सार्वजनिक दस्तावेज़ का अर्थ सत्य नहीं
न्याय विभाग ने कहा कि कानून के तहत दस्तावेजों का सार्वजनिक होना आवश्यक हो सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उसमें लिखे गए दावे सत्य हैं। विभाग ने लोगों से अपील की कि बिना सत्यापन के ऐसे दस्तावेजों के आधार पर निष्कर्ष निकालना भ्रामक और खतरनाक हो सकता है।


कथित पत्र में क्या था?
यह पत्र कथित तौर पर 13 अगस्त 2019 का है, जब जेफरी एपस्टीन जेल में था। पत्र लैरी नासर के नाम लिखा गया था, जो अमेरिका की महिला जिमनास्टिक टीम के डॉक्टर रह चुके हैं और सैकड़ों लड़कियों के यौन शोषण के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। पत्र में यह दावा किया गया था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप युवा लड़कियों के प्रति अपनी रुचि साझा करते हैं। पत्र में लिखा है, 'प्रिय एल.एन., जैसा कि आप जानते हैं, मैंने घर के लिए छोटा रास्ता लिया है। गुड लक! हमने एक चीज साझा की है... युवा लड़कियों के प्रति हमारा प्यार और देखभाल।' पत्र में आगे लिखा था, 'जब कोई युवा सुंदरता पास से गुजरती थी, तो उसे 'हड़पना' पसंद था।'


जेफरी एपस्टीन पर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण के गंभीर आरोप थे और 2019 में न्यूयॉर्क की जेल में उसकी मौत हो गई थी। वहीं, लैरी नासर को 2017 में दोषी ठहराया गया था और उस पर बच्चों की अश्लील सामग्री रखने और चिकित्सा के नाम पर यौन शोषण करने के आरोप साबित हुए थे।