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अमेरिकी सांसदों ने भारत पर ट्रंप के टैरिफ के खिलाफ उठाई आवाज़

अमेरिकी सांसद ग्रेगरी मीक्स ने भारत पर ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि यह शुल्क दोनों देशों के बीच दशकों से बनी मजबूत साझेदारी को गंभीर खतरे में डाल सकता है। मीक्स ने इस मुद्दे को बातचीत और सम्मानजनक तरीके से सुलझाने की आवश्यकता पर जोर दिया। ट्रंप की व्यापार नीति को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं, जिससे वैश्विक व्यापार पर भी असर पड़ सकता है।
 

भारत पर टैरिफ का विरोध

वाशिंगटन: अमेरिका के प्रमुख डेमोक्रेट सांसद ग्रेगरी मीक्स ने भारत पर ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि रूस से तेल आयात पर भारत पर लगाए गए शुल्क से दोनों देशों के बीच दशकों से बनी मजबूत साझेदारी को गंभीर खतरा हो सकता है।


साझेदारी को खतरा: ग्रेगरी मीक्स, जो अमेरिकी कांग्रेस में विदेश मामलों की समिति के एक प्रमुख सदस्य हैं, ने स्पष्ट किया कि ट्रंप की यह ‘शुल्क संबंधी हताशा’ भारत और अमेरिका के बीच के रणनीतिक, आर्थिक और जन-स्तर के गहरे रिश्तों को नुकसान पहुंचा सकती है। उन्होंने कहा, “हमारे बीच गहरे संबंध हैं। यदि कोई चिंता है, तो उसे लोकतांत्रिक मूल्यों और आपसी सम्मान के साथ हल किया जाना चाहिए।”


पिछले महीने, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया और व्यापार वार्ताओं को भी रोक दिया। इसके बाद, 4 अगस्त को ट्रंप ने एक बार फिर से अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की और चेतावनी दी कि यदि भारत रूस से तेल खरीदता रहा, तो और शुल्क लगाए जाएंगे।


भारत ने ट्रंप के इस कदम को ‘अनुचित और अविवेकपूर्ण’ बताया है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सरकार अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी। ट्रंप द्वारा घोषित नई वैश्विक टैरिफ दरें अब लागू हो चुकी हैं, जिससे कई अमेरिकी साझेदार देशों पर प्रभाव पड़ा है। इन टैरिफों के तहत, सेमीकंडक्टर आयात पर भी 100 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है, जिससे वैश्विक व्यापार प्रभावित हो सकता है।


ट्रंप की व्यापार नीति को आर्थिक शक्ति के प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इससे महंगाई बढ़ सकती है और विकास दर पर असर पड़ सकता है। ट्रंप का मानना है कि इससे घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन इसके वैश्विक प्रभाव को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं।


ग्रेगरी मीक्स ने अपने बयान में इस बात पर जोर दिया कि भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी दोनों देशों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। टैरिफ जैसे संवेदनशील मुद्दों को बातचीत और सम्मानजनक तरीके से सुलझाया जाना चाहिए। उनका यह बयान दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच विश्वास और सहयोग को बनाए रखने का संदेश देता है।