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अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर ईडी की जांच, टेरर फंडिंग के आरोप

फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी अब प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में आ गई है। एजेंसी विश्वविद्यालय से जुड़े वित्तीय लेनदेन और संदिग्ध ट्रांजैक्शनों की गहन जांच कर रही है। इसके अलावा, हरियाणा पुलिस भी इस मामले में शामिल हो गई है। गिरफ्तार आरोपियों का संबंध इसी विश्वविद्यालय से है। जांच एजेंसियों का मानना है कि यह एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा है, जो जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में सक्रिय था। जानें इस मामले में और क्या जानकारी सामने आ रही है।
 

अल-फलाह यूनिवर्सिटी की जांच में प्रवर्तन निदेशालय की भूमिका


नई दिल्ली। फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के दायरे में आ गई है। यह एजेंसी विश्वविद्यालय से जुड़े वित्तीय लेनदेन और संदिग्ध ट्रांजैक्शनों की गहन जांच करेगी। इसके अलावा, अन्य जांच एजेंसियां भी टेरर फंडिंग से संबंधित पहलुओं और मनी ट्रेल का पता लगाने में जुटी हैं। यह माना जा रहा है कि विश्वविद्यालय के खातों और संबंधित संस्थानों की जांच से आतंकी मॉड्यूल की फंडिंग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली धमाके की जांच पहले से ही एनआईए द्वारा की जा रही है, और अब ईडी और ईओडब्ल्यू भी इस मामले में शामिल हो गए हैं।


वहीं, फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल मामले की जांच के सिलसिले में हरियाणा पुलिस भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मुख्यालय पहुंची है। रिपोर्ट्स के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपी डॉक्टर मुज़म्मिल, डॉक्टर शाहीन सईद और डॉक्टर उमर का संबंध इसी विश्वविद्यालय से है। पुलिस इन तीनों के बारे में विस्तृत जानकारी और उनसे जुड़े दस्तावेज इकट्ठा करने के लिए वहां पहुंची है ताकि जांच में नए सबूत मिल सकें।


जांच एजेंसियों का मानना है कि यह एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा है, जो जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में सक्रिय था और इसका संबंध पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से हो सकता है।


विश्वविद्यालय की संरचना

विश्वविद्यालय की वर्तमान संरचना


पद
नाम
चांसलर
जवाद अहमद सिद्दकी
वाइस-चांसलर
डॉ. भूपिंदर कौर आनंद (जो मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल भी हैं)
रजिस्ट्रार
प्रो. (डॉ.) मोहम्मद परवेज
वाइस-चेयरमैन (ट्रस्ट)
मुफ्ती अब्दुल्लाह कासिमी एम.ए.
सेक्रेटरी (ट्रस्ट)
मोहम्मद वाजिद डीएमई