अल-फलाह विश्वविद्यालय के संस्थापक की मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तारी
नई दिल्ली में गिरफ्तारी
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को अल-फलाह विश्वविद्यालय के संस्थापक जवाद अहमद सिद्दीकी को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है। उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 19 के तहत हिरासत में लिया गया। यह कार्रवाई हाल ही में अल-फलाह समूह से जुड़े परिसरों पर की गई तलाशी के आधार पर की गई है।
जांच की शुरुआत
सूत्रों के अनुसार, ईडी की जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा दर्ज दो FIR से शुरू हुई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अल-फलाह विश्वविद्यालय ने छात्रों और अन्य हितधारकों को गुमराह करने के लिए फर्जी तरीके से NAAC और UGC की मान्यता का दावा किया था।
मान्यता का झूठा दावा
जांच में यह पाया गया कि विश्वविद्यालय ने यूजीसी अधिनियम की धारा 12(बी) के तहत मान्यता होने का झूठा दावा किया, जबकि वास्तव में यह केवल धारा 2(एफ) के तहत शामिल था। यूजीसी ने स्पष्ट किया कि अल-फलाह विश्वविद्यालय ने कभी भी 12(बी) स्टेटस के लिए आवेदन नहीं किया था और वह किसी सरकारी अनुदान का पात्र नहीं है।
ट्रस्ट की वित्तीय गड़बड़ियों पर नजर
ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि 1995 में स्थापित अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट, जिसके संस्थापक जवाद सिद्दीकी हैं, पूरे अल-फलाह समूह की संस्थाओं का संचालन करता है। ट्रस्ट और इससे जुड़े शैक्षणिक संस्थानों का पिछले वर्षों में तेजी से विस्तार हुआ है, लेकिन जांच अधिकारियों का कहना है कि यह वृद्धि ट्रस्ट की वास्तविक आय और वित्तीय क्षमता से मेल नहीं खाती।
धन के दुरुपयोग के सबूत
तलाशी के दौरान कई प्रमुख परिसरों से दस्तावेज, डिजिटल सबूत और करोड़ों रुपये की आपराधिक आय के प्रमाण मिले। एजेंसी का दावा है कि ट्रस्ट की धनराशि का लाभ सिद्दीकी के परिवार को पहुंचाया गया। निर्माण और खानपान के ठेके भी कथित तौर पर उनकी पत्नी और बच्चों से जुड़े व्यवसायों को दिए गए थे। ईडी ने कार्रवाई के दौरान 48 लाख रुपये नकद, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और बड़ी मात्रा में दस्तावेज बरामद किए हैं। इसके अलावा, समूह से संबंधित कई फर्जी कंपनियों की पहचान भी की गई है।
लाल किला विस्फोट से जुड़े लिंक की जांच
ईडी यह भी जांच कर रहा है कि क्या धन शोधन के जरिए जुटाए गए पैसे का कुछ हिस्सा 10 नवंबर को हुए लाल किला विस्फोट में शामिल व्यक्तियों तक पहुंचा था। इस हमले में 14 लोगों की मौत हुई थी। हालांकि, इस पहलू की जांच अभी जारी है।
सभी आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद, ईडी ने 18 नवंबर 2025 को जवाद अहमद सिद्दीकी को आधिकारिक तौर पर गिरफ्तार किया। एजेंसी ने कहा है कि मामले में आगे की जांच जारी है और आने वाले दिनों में कई और खुलासे संभव हैं।