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असम के प्रसिद्ध गायक जुबीन गर्ग का निधन, संगीत जगत में शोक की लहर

असम के मशहूर गायक जुबीन गर्ग का निधन एक दुखद घटना है जिसने संगीत जगत को हिला दिया है। केवल 52 वर्ष की आयु में, उन्होंने सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान एक भयानक हादसे का सामना किया। जुबीन का जन्म 1972 में मेघालय में हुआ था और उन्होंने असमिया संगीत से अपने करियर की शुरुआत की थी। उनके गाने 'या अली' ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य सितारों ने शोक व्यक्त किया है। जानें उनके जीवन और करियर के बारे में इस लेख में।
 

जुबीन गर्ग का दुखद निधन

Zubeen Garg Death: असम के प्रसिद्ध गायक जुबीन गर्ग का निधन हो गया है। केवल 52 वर्ष की आयु में, उन्होंने सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान एक गंभीर दुर्घटना का सामना किया। इस खबर ने संगीत की दुनिया में शोक की लहर पैदा कर दी है। जुबीन दा, जैसा कि उनके प्रशंसक उन्हें प्यार से बुलाते थे, नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल के लिए सिंगापुर गए थे, जहां उनका कार्यक्रम 20 सितंबर को निर्धारित था। लेकिन शुक्रवार दोपहर सब कुछ बदल गया।


रिपोर्टों के अनुसार, जुबीन अपने दोस्तों के साथ समुद्री क्रूज पर थे। स्कूबा डाइविंग करते समय अचानक उन्हें सांस लेने में कठिनाई हुई। आसपास के लोगों ने तुरंत सीपीआर देना शुरू किया। सिंगापुर पुलिस ने उन्हें समुद्र से निकाला और सिंगापुर जनरल हॉस्पिटल ले जाया गया। आईसीयू में डॉक्टरों ने उनकी जान बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 2:30 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। यह घटना इतनी अचानक हुई कि किसी ने इसकी कल्पना भी नहीं की थी। कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि स्कूबा डाइविंग के दौरान हृदय संबंधी समस्या उत्पन्न हो सकती है, विशेषकर यदि पहले से कोई बीमारी हो।


#UPDATE : Singaporean authorities have confirmed that a post mortem of our beloved Zubeen Garg will be conducted. We expect this to conclude by 2 PM SGT.

Thereafter his mortal remains will be handed over to Indian authorities and we shall begin the process of bringing him… https://t.co/GzIsJ4EORe




जुबीन गर्ग का जन्म 1972 में मेघालय के तुरा में हुआ था। असम के गुवाहाटी में बड़े हुए इस कलाकार ने 90 के दशक में असमिया संगीत से अपने करियर की शुरुआत की। 2006 में बॉलीवुड फिल्म 'गैंगस्टर' के हिट गाने 'या अली' ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। इसके अलावा, उन्होंने 'मिशन कश्मीर', 'कारवान' जैसी फिल्मों में भी अपनी आवाज दी। जुबीन ने असमिया, बंगाली, हिंदी सहित 40 भाषाओं में 3000 से अधिक गाने गाए। वे एक गायक, संगीतकार, अभिनेता और फिल्म निर्माता भी थे। असम की संस्कृति को अपनी आवाज से जोड़ने वाले जुबीन को 'असम का स्वर' कहा जाता था। उनकी बहन जोंकी बर्थाकुर भी एक अभिनेत्री थीं, जो 2002 में एक कार दुर्घटना में निधन हो गईं।





जुबीन की मृत्यु की खबर फैलते ही कई सितारों ने शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'जुबीन गर्ग के अचानक चले जाने से स्तब्ध हूं।' राहुल गांधी ने कहा, 'यह एक भयानक त्रासदी है। उनकी आवाज ने एक पीढ़ी को परिभाषित किया।' अभिनेता आदिल हुसैन ने कहा, 'उनका संगीत और संस्कृति में योगदान अविस्मरणीय है।' असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी गहरा शोक व्यक्त किया और कहा, 'असम ने अपना एक प्रिय बेटा खो दिया। जुबीन की आवाज लोगों को ऊर्जा देती थी।'


असम के मुख्यमंत्री ने दिया अपडेट


अब सवाल यह है कि जुबीन का पार्थिव शरीर कब भारत पहुंचेगा और अंतिम संस्कार कहां होगा? मुख्यमंत्री सरमा ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण अपडेट दिया। सिंगापुर में पोस्टमॉर्टम पूरा हो चुका है। भारतीय उच्चायोग की मदद से उनका शव दोपहर 2 बजे (सिंगापुर समय) तक भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा। सरमा ने कहा, 'मैं उच्चायोग के संपर्क में हूं। शव शनिवार शाम तक गुवाहाटी पहुंच सकता है।' अंतिम संस्कार गुवाहाटी में होने की संभावना है, जहां उनके परिवार और प्रशंसक उन्हें विदाई देंगे। एक अधिकारी ने बताया, 'सिंगापुर अधिकारियों ने पोस्टमॉर्टम की पुष्टि की है। अब भारत लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।'