×

असम में आधार कार्ड जारी करने पर नया नियम: वयस्कों के लिए रोक

असम मंत्रिमंडल ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसमें वयस्कों को आधार कार्ड जारी करने पर रोक लगाई गई है। केवल अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और चाय बागान समुदाय के लोगों को एक वर्ष की छूट दी गई है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बताया कि यह कदम आधार सेचुरेशन और अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए उठाया गया है। नया नियम 1 अक्टूबर से लागू होगा, और इसके बाद केवल विशेष मामलों में ही आधार कार्ड जारी किया जाएगा।
 

असम मंत्रिमंडल का महत्वपूर्ण निर्णय

गुरुवार को असम मंत्रिमंडल ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया, जिसमें राज्य में वयस्कों को आधार कार्ड जारी करने पर रोक लगाने का फैसला किया गया। केवल अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और चाय बागान समुदाय के सदस्यों को एक वर्ष की अतिरिक्त अवधि दी जाएगी।


मुख्यमंत्री की घोषणा

मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह कदम आधार सेचुरेशन और अवैध प्रवासियों को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है। सरमा ने कहा, "असम में आधार सेचुरेशन 103% है, जबकि एससी, एसटी और चाय बागान समुदायों में यह 96% है। पिछले वर्ष में हम लगातार सीमा पर बांग्लादेशियों को पकड़ रहे हैं। कल भी हमने सात लोगों को वापस भेजा। लेकिन हमें यकीन नहीं है कि सभी को पकड़ा गया है। इसलिए हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई भी अवैध रूप से असम में प्रवेश कर आधार कार्ड न ले सके।"


नियम का कार्यान्वयन

1 अक्टूबर से लागू होगा नियम

यह नया नियम 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और चाय बागान समुदाय के लोग एक वर्ष तक आधार के लिए आवेदन कर सकेंगे। इसके बाद, केवल "अति दुर्लभ मामलों" में 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को आधार जारी किया जाएगा। सरमा ने कहा, "अगर एक वर्ष बाद भी कोई छूट जाता है, तो उसे संबंधित डिप्टी कमिश्नर (DC) को आवेदन देना होगा। डीसी पुलिस अधीक्षक और विदेशी न्यायाधिकरण से परामर्श के बाद ही आधार जारी करेगा।"


घुसपैठ पर सख्ती

घुसपैठ पर सख्ती

पिछले महीने, सरमा ने कहा था कि नए आधार कार्ड केवल डिप्टी कमिश्नर द्वारा जारी किए जाएंगे ताकि "घुसपैठिए" इसे प्राप्त न कर सकें। मौजूदा प्रक्रिया में आधार केंद्रों पर आवेदन के बाद जिला स्तर पर सत्यापन किया जाता है।