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असम में जनसांख्यिकी और सीमा सुरक्षा पर मुख्यमंत्री की चिंता

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ और जनसंख्या संतुलन में बदलाव को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यदि बांग्लादेशी मूल की जनसंख्या में 10 प्रतिशत की वृद्धि होती है, तो असम अपनी पहचान खो सकता है। मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश में जारी अशांति और वहां अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के मद्देनजर असम को हाई अलर्ट पर रखा है। सरमा ने केंद्र और राज्य एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
 

मुख्यमंत्री की चेतावनी

नई दिल्ली: असम में जनसांख्यिकी और सीमा सुरक्षा के मुद्दे पर बहस एक बार फिर गरमा गई है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बांग्लादेश से जुड़े हालिया बयानों और वहां की राजनीतिक स्थिति का हवाला देते हुए राज्य के भविष्य को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है.

उन्होंने कहा कि अवैध घुसपैठ और जनसंख्या संतुलन में बदलाव असम के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब पड़ोसी देश में अस्थिरता और भारत विरोधी बयान सामने आ रहे हैं.


मुख्यमंत्री की जनसंख्या संबंधी चेतावनी

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा कि असम में बांग्लादेशी मूल की जनसंख्या पहले से ही काफी अधिक है। उनके अनुसार, यदि यह संख्या मौजूदा स्तर से लगभग 10 प्रतिशत और बढ़ जाती है, तो असम अपनी पहचान खो सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह पिछले पांच वर्षों से इस मुद्दे को उठाते आ रहे हैं, क्योंकि यह केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि अस्तित्व से जुड़ा मामला है.


बांग्लादेशी नेता के बयान से बढ़ी चिंता

सरमा का यह बयान बांग्लादेश के नेशनल सिटिजन पार्टी के नेता हसनत अब्दुल्ला की टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को अलग-थलग करने और अलगाववादी ताकतों को समर्थन देने की बात कही गई थी। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीर और उकसाने वाला करार देते हुए कहा कि ऐसे विचार क्षेत्रीय शांति के लिए खतरनाक हैं.


बांग्लादेश की स्थिति पर असम हाई अलर्ट

मुख्यमंत्री ने बताया कि बांग्लादेश में जारी अशांति और वहां अल्पसंख्यकों पर हो रहे कथित अत्याचारों को देखते हुए असम को हाई अलर्ट पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर गतिविधि पर कड़ी नजर रख रही है। सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा एजेंसियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं.


अवैध घुसपैठ का पुराना मुद्दा

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यह कोई नई समस्या नहीं है। दशकों से बांग्लादेश से लोग विभिन्न रास्तों से असम में आ रहे हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि राज्य के कई हिस्सों में इसका सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री के अनुसार, यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति और बिगड़ सकती है.


सतर्कता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर जोर

मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि असम को केवल एक राज्य के रूप में नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से देखना चाहिए। उन्होंने केंद्र और राज्य एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल की आवश्यकता बताई। सरमा ने दोहराया कि पड़ोसी देश के घटनाक्रम पर नजर रखना और सीमाओं को सुरक्षित रखना आज की सबसे बड़ी प्राथमिकता है.