असम में बहुविवाह पर नया कानून: क्या है इसका प्रभाव?
असम में बहुविवाह पर रोक
असम: असम सरकार ने बहुविवाह प्रथा पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को स्वीकृति दे दी है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की अगुवाई में यह बिल विधानसभा में पारित किया गया है, जिसके बाद अब राज्य में किसी भी व्यक्ति के लिए बहुविवाह करना एक कानूनी अपराध होगा। इस निर्णय के साथ ही, सरकार ने प्रभावित महिलाओं को मुआवजा देने की योजना भी बनाई है। पहले, 25 नवंबर को शीतकालीन सत्र में इस बिल को पेश करने की संभावना जताई गई थी, लेकिन असम कैबिनेट ने इसे जल्दी ही मंजूरी दे दी।
कानून का उद्देश्य
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि इस कानून के लागू होने से राज्य में बहुविवाह और लव जिहाद जैसी सामाजिक कुप्रथाओं पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। इसके साथ ही, असम सरकार ने 'मुख्यमंत्री निजूत मोइना' योजना का विस्तार किया है, जिसका लक्ष्य राज्य की लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करना है।
बहुविवाह अब अपराध
नए कानून के तहत, असम में बहुविवाह करना अब अपराध माना जाएगा। यदि कोई महिला इस मामले में शिकायत करती है, तो आरोपी को सजा का सामना करना पड़ेगा। यह कानून न केवल महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करेगा, बल्कि समाज में इस कुप्रथा के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी भेजेगा।
मुख्यमंत्री की घोषणा
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने 27 अक्टूबर को इस बिल की घोषणा की थी कि राज्य में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नया कानून लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में बहुविवाह और लव जिहाद जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ ठोस प्रावधान होंगे, जिससे इन सामाजिक मुद्दों पर नियंत्रण पाया जा सके।
मुख्यमंत्री निजूत मोइना योजना का विस्तार
असम सरकार ने 'मुख्यमंत्री निजूत मोइना' योजना का भी विस्तार किया है, जिसका उद्देश्य राज्य में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत, कक्षा 11 की छात्राओं को हर महीने 1,000 रुपये, स्नातक पहले वर्ष की छात्राओं को 1,250 रुपये और स्नातकोत्तर तथा बीएड पहले वर्ष की छात्राओं को 2,500 रुपये दिए जाएंगे।
पहले से लागू कानून
भारत में पहले से ही एक कानून है जो बिना तलाक लिए दूसरी शादी करने को अपराध मानता है। इस कानून के तहत, यदि कोई व्यक्ति पहली शादी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी करता है, तो उसे सात साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है। यह कानून सभी धर्मों पर लागू होता है, सिवाय मुस्लिम पर्सनल लॉ के, जिसमें पुरुषों को कुछ शर्तों के तहत बहुविवाह की अनुमति होती है।
मुख्यमंत्री का विश्वास
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस योजना के सकारात्मक परिणामों का दावा किया। उन्होंने कहा, "इस योजना के कारण पिछले साल की तुलना में लड़कियों के नामांकन दर में वृद्धि हुई है और स्कूल छोड़ने वालों की संख्या में भी कमी आई है। इस साल 3.5 लाख लड़कियां इस योजना से लाभान्वित होंगी।"