असम में विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए अमित शाह ने घुसपैठियों के खिलाफ की सख्त चेतावनी
असम दौरे पर अमित शाह का विकास कार्यों का उद्घाटन
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को असम का दौरा किया, जहां उन्होंने कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और पवित्र मार्गोरिटा सहित अन्य नेता भी उपस्थित थे। गृहमंत्री ने सबसे पहले गुवाहाटी में 'शहीद स्मारक क्षेत्र' में असम आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
अमित शाह ने बटाद्रवा थान पुनर्विकास परियोजना के उद्घाटन के दौरान कहा, 'मैं आज भारत रत्न गोपीनाथ बोरदोलोई को भी याद करना चाहता हूं। यदि गोपीनाथ नहीं होते, तो असम और पूरा उत्तर-पूर्व भारत हमारे पास नहीं होता। गोपीनाथ जी ने असम को भारत में बनाए रखने के लिए जवाहरलाल नेहरू को मजबूर किया।'
उन्होंने आगे कहा कि, 'हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार ने बांग्लादेशी घुसपैठियों से एक लाख बीघा से अधिक भूमि को मुक्त कराया है। हम न केवल असम से, बल्कि पूरे भारत से सभी बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करेंगे।' उन्होंने यह भी बताया कि उग्रवादी संगठनों के साथ शांति समझौते किए गए हैं, जिनमें से 92% शर्तें पूरी हो चुकी हैं।
अमित शाह ने कहा, 'भाजपा पूरे देश से सभी घुसपैठियों को हटाने का संकल्प लेती है। क्या यह उचित था कि शंकरदेव की इस भूमि पर बांग्लादेशी घुसपैठिए थे? मैं हिमंत बिस्वा सरमा को यहां से घुसपैठियों को हटाने और नामघर को पुनर्स्थापित करने के लिए बधाई देता हूं। एक लाख बीघा से अधिक भूमि घुसपैठियों से मुक्त कराई गई है। कांग्रेस ने वर्षों तक शासन किया, लेकिन उसने असम आंदोलन में जान देने वालों के लिए कुछ नहीं किया। कांग्रेस पार्टी ने वर्षों तक घुसपैठियों को बढ़ावा दिया और 1983 में आईएमडीटी एक्ट लाकर उन्होंने घुसपैठियों को यहां बसने का कानूनी रास्ता दिया।'