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अहमदाबाद विमान दुर्घटना: भयानक आग ने बचाव कार्य को किया मुश्किल

गुरुवार को अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान की दुर्घटना ने शहर को हिला दिया। 242 यात्रियों के साथ उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद विमान एक आवासीय क्षेत्र में गिर गया। आग की तीव्रता इतनी अधिक थी कि तापमान 1,000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिससे बचाव कार्य में कठिनाई आई। स्थानीय लोगों और SDRF की टीमों ने मिलकर बचाव कार्य किया, लेकिन कई शवों को निकालना पड़ा। जानें इस दर्दनाक घटना के बारे में अधिक जानकारी।
 

अहमदाबाद में विमान हादसा

अहमदाबाद विमान दुर्घटना: गुरुवार दोपहर को अहमदाबाद में एक गंभीर विमान हादसे ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। एयर इंडिया का विमान, जो लंदन के लिए उड़ान भर रहा था, जिसमें 242 यात्री सवार थे, हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद एक आवासीय क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस घटना में 1.25 लाख लीटर ईंधन के कारण आग इतनी भयंकर हो गई कि तापमान 1,000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिससे बचाव कार्य करना लगभग असंभव हो गया।


केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मीडिया से कहा, 'विमान में 1.25 लाख लीटर ईंधन था, जिसके कारण आग इतनी भयंकर हो गई कि किसी को बचाना असंभव हो गया।' हादसे के बाद SDRF की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं, लेकिन आग की तीव्रता ने बचाव कार्य को कठिन बना दिया। विमान के ईंधन टैंक के फटने से तापमान 1,000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।


स्थानीय लोगों और बचाव दल की कोशिशें

यह हादसा बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल और कर्मचारी आवासीय परिसर के पास हुआ। SDRF के एक अधिकारी ने बताया कि उनकी टीमें दोपहर 2 से 2:30 बजे के बीच मौके पर पहुंचीं। इससे पहले, स्थानीय लोगों ने कुछ लोगों को बचाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कोई जीवित नहीं मिला। एक SDRF कर्मी, जिसने 2017 में बल में शामिल होने के बाद कई आपदाओं का सामना किया, ने कहा, 'हम PPE किट के साथ आए थे, लेकिन तापमान इतना अधिक था कि ऑपरेशन में भारी मुश्किल हुई। चारों ओर जलता हुआ मलबा बिखरा था।'


दर्दनाक नजारा में कौन प्रभावित?

बचाव कार्य के दौरान टीमों ने 25-30 शवों को बाहर निकाला, जिनमें बच्चे भी शामिल थे। एक SDRF कर्मी ने कहा, 'शवों की पहचान के लिए DNA टेस्ट करना होगा।' एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आग इतनी तेजी से फैली कि कुत्तों और पक्षियों जैसे जीवों को भी भागने का मौका नहीं मिला। परिसर में जानवरों के शव बिखरे पड़े थे।