अहमदाबाद विमान दुर्घटना में राजू पटेल की साहसिकता
अहमदाबाद विमान दुर्घटना का दिल दहला देने वाला मंजर
अहमदाबाद विमान दुर्घटना: जब एयर इंडिया का विमान आग की लपटों में घिरा हुआ था और उसमें 241 जिंदगियां खतरे में थीं, तब 56 वर्षीय राजू पटेल ने अदम्य साहस और मानवता का परिचय दिया। उन्होंने इस घटना के बाद की पूरी स्थिति को साझा किया। एक रिपोर्ट के अनुसार, पटेल ने बताया कि उनकी टीम के पास स्ट्रेचर नहीं थे, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। घायलों को उठाने के लिए साड़ियों और चादरों का सहारा लिया गया। हमारे पास जो भी साधन थे, उनका उपयोग किया गया। हमें बस यह पता था कि हमें जान बचानी है।
दुर्घटना स्थल पर त्वरित प्रतिक्रिया
राजू पटेल एक निर्माण व्यवसायी हैं और दुर्घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर थे। जैसे ही उन्हें एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 के क्रैश होने की सूचना मिली, वह तुरंत अपनी टीम के साथ वहां पहुंचे। उन्होंने बताया कि आग इतनी भयानक थी कि पहले 15 से 20 मिनट तक वे मलबे के पास भी नहीं जा सके। लेकिन जैसे ही पहली फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस आईं, उन्होंने बचाव कार्य में जुटने का निर्णय लिया।
मलबे से मिली वस्तुएं
मलबे में मिली वस्तुओं की खोज
अधिकारियों ने पटेल और उनकी टीम को रात 9 बजे तक वहां रहने की अनुमति दी। जब आपातकालीन सेवाओं ने स्थिति संभाली, तो पटेल की टीम ने मलबे की खोज शुरू की। इस दौरान उन्हें कई महत्वपूर्ण वस्तुएं मिलीं, जिन्हें तुरंत पुलिस को सौंप दिया गया। राजू पटेल ने पहले भी आपदाओं में लोगों की मदद की है, जैसे कि 2008 में अहमदाबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट के दौरान। उन्होंने कहा कि इस बार की तबाही और आग को वह कभी नहीं भूल पाएंगे।
राजू पटेल को 'सच्चा हीरो' माना गया
लोगों की सराहना
राजू पटेल और उनकी टीम की इस साहसिकता को सोशल मीडिया पर 'सच्चा हीरो' कहा जा रहा है। कई नागरिक संगठनों ने उनके योगदान की प्रशंसा की है और आपातकालीन सेवाओं में शामिल होने का आमंत्रण दिया है। गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि सभी बरामद वस्तुओं का दस्तावेजीकरण किया जा रहा है और उन्हें मृतकों के परिवारों को सौंपा जाएगा। उन्होंने नागरिकों की भूमिका को अमूल्य बताया।