अहमदाबाद विमान दुर्घटना: विदेशी एजेंसियों की जांच का महत्व
अहमदाबाद विमान दुर्घटना का विवरण
Ahmedabad Plane Crash: 12 जून को एअर इंडिया की फ्लाइट नंबर 171 अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस भयानक घटना में विमान में सवार यात्रियों और क्रू सदस्यों सहित 241 लोगों की जान चली गई। हालांकि, एक व्यक्ति, विश्वास कुमार रमेश, इस हादसे में जीवित बचे। घटना के तुरंत बाद, आपातकालीन सेवाएं मौके पर पहुंच गईं। 15 जून को, कई अंतरराष्ट्रीय विमानन एजेंसियां इस दुर्घटना की जांच के लिए अहमदाबाद पहुंचीं। इनमें अमेरिका की प्रमुख परिवहन दुर्घटना जांच एजेंसी, नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB), अमेरिका की सिविल एविएशन रेगुलेटर, फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA), और यूनाइटेड किंगडम की सिविल एविएशन अथॉरिटी (CAA) शामिल थीं।
जांच में विदेशी एजेंसियों की भूमिका
यह सवाल उठता है कि एक भारतीय एयरलाइन के हादसे की जांच में विदेशी एजेंसियां क्यों शामिल हैं? क्या भारत की अपनी जांच एजेंसियां इस कार्य के लिए सक्षम नहीं हैं? इसके पीछे एक महत्वपूर्ण कारण है।
78 साल पुराना समझौता
1944 में, जब दूसरा विश्व युद्ध अपने अंतिम चरण में था, तब कई देशों ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। उन्होंने समझा कि हवाई यात्रा भविष्य में वैश्विक संबंधों को मजबूत करेगी और इसे सुरक्षित बनाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। इसी सोच के साथ, कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल सिविल एविएशन पर हस्ताक्षर किए गए, जिसे शिकागो कन्वेंशन के नाम से जाना जाता है। यह समझौता आज भी हवाई यात्रा के नियमों को निर्धारित करता है।
जांच की जिम्मेदारी
शिकागो कन्वेंशन के एनेक्स 13 के अनुसार, विमान दुर्घटना की जांच की मुख्य जिम्मेदारी उस देश की होती है, जहां दुर्घटना हुई है। इस मामले में, एअर इंडिया का विमान अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुआ, इसलिए भारत इस जांच का नेतृत्व कर रहा है। भारत के सिविल एविएशन मंत्रालय के तहत कार्यरत एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) इस जांच की अगुवाई कर रहा है।
जांच में शामिल देशों की पहचान
शिकागो कन्वेंशन के नियमों के अनुसार, कुछ अन्य देशों को भी जांच में शामिल होने का अधिकार है, जिनका हादसे से कोई संबंध है।
स्टेट ऑफ रजिस्ट्री और स्टेट ऑफ ऑपरेटर
स्टेट ऑफ रजिस्ट्री वह देश है, जहां विमान रजिस्टर्ड होता है। एयर इंडिया के विमानों के रजिस्ट्रेशन नंबर 'VT' से शुरू होते हैं, जो भारत का कोड है। इस हादसे में शामिल विमान भारत में रजिस्टर्ड था। स्टेट ऑफ ऑपरेटर वह देश है, जहां एयरलाइन का मुख्य ऑफिस है। इस मामले में, एयर इंडिया एक भारतीय कंपनी है।
डिजाइन और निर्माण का देश
स्टेट ऑफ डिजाइन और स्टेट ऑफ मैन्युफैक्चर वे देश हैं, जहां विमान को डिजाइन और निर्मित किया गया। इस मामले में, दुर्घटनाग्रस्त विमान बोइंग कंपनी का था, और इसके इंजन जनरल इलेक्ट्रिक द्वारा बनाए गए थे। इसलिए, अमेरिका इन दोनों श्रेणियों में शामिल है।
हादसे के शिकार नागरिकों का देश
चौथा देश वह है, जिसके नागरिक हादसे का शिकार हुए हैं। एअर इंडिया की फ्लाइट AI 171 में 53 ब्रिटिश नागरिक सवार थे, जो इस दुर्घटना में मारे गए। इसलिए, यूनाइटेड किंगडम की सिविल एविएशन अथॉरिटी (CAA) भी जांच में शामिल है।
जांच की प्रक्रिया
जांच में शामिल सभी पक्षों को कई अधिकार दिए गए हैं। वे दुर्घटना स्थल पर जा सकते हैं, मलबे की जांच कर सकते हैं, सबूत इकट्ठा कर सकते हैं, और जांच की अंतिम रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं।
बाहरी जांच एजेंसियों की आवश्यकता
आपको लग सकता है कि विदेशी एजेंसियों का भारत में होने वाले हादसे की जांच में शामिल होना एक तरह की दखलंदाजी है, लेकिन यह एक व्यावहारिक आवश्यकता है। आज का विमानन उद्योग पूरी तरह से वैश्विक है। अगर भारत में हुए हादसे की वजह से कोई तकनीकी खामी पकड़ी जाती है, तो वह जानकारी दुनिया के हर कोने में उस मॉडल के विमानों को सुरक्षित बनाने में मदद कर सकती है।