अहिल्यानगर में 'आई लव मोहम्मद' रंगोली से बवाल, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
अहिल्यानगर में रंगोली से शुरू हुआ विवाद
'आई लव मोहम्मद' रंगोली: रविवार रात को अहिल्यानगर के मीलिवाड़ा क्षेत्र में सड़क किनारे 'आई लव मोहम्मद' लिखी एक रंगोली ने शहर में हलचल मचा दी। जैसे ही इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, सोमवार सुबह युवाओं ने हाईवे को जाम कर दिया, जिससे स्थिति हिंसक हो गई। पुलिस को हालात को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा और 30 व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
जब स्थानीय निवासियों ने सड़क पर 'आई लव मोहम्मद' रंगोली देखी, तो उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की। जांच के बाद एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, लेकिन युवाओं का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उन्होंने अहिल्यानगर-संभाजी हाईवे को जाम कर दिया और प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्थिति बिगड़ने पर यह मामला तुफखाना थाना क्षेत्र के कोटला इलाके तक फैल गया।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने किया लाठीचार्ज
सुबह लगभग सात बजे, जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया, तो पथराव शुरू हो गया। हालात को देखते हुए पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया और भीड़ को तितर-बितर किया। पुलिस ने पुष्टि की कि स्थिति अब नियंत्रण में है और हिंसा में शामिल 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इसके साथ ही एक नई FIR भी दर्ज की गई है.
मुख्यमंत्री की चिंता
फडणवीस ने जताई चिंता
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि किसी ने जानबूझकर माहौल को खराब करने की कोशिश की है। फडणवीस ने यवतमाल में कहा, 'हमें देखना होगा कि कहीं इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं। समाज को बांटने की कोशिश करना गलत है। हर किसी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है, लेकिन दूसरों में तनाव फैलाना ठीक नहीं।'
विवाद का विस्तार
विवाद का फैलता दायरा
यह ध्यान देने योग्य है कि 'आई लव मोहम्मद' विवाद की शुरुआत इस महीने की शुरुआत में कानपुर से हुई थी, जब बारावफात जुलूस के दौरान यह नारा लगाया गया। इसके बाद यह मामला कई राज्यों में फैल गया, जिसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, तेलंगाना और महाराष्ट्र शामिल हैं। बरेली और नागपुर में झड़पें भी हुईं।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस नारे का समर्थन करते हुए कहा कि 'आई लव मोहम्मद' कहना कोई अपराध नहीं है। उनके इस बयान ने मामले को और राजनीतिक बना दिया। वहीं, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे हिंदुत्व बनाम धार्मिक कट्टरता का मुद्दा बताया। अब अहिल्यानगर की घटना इस विवाद की एक नई कड़ी बन गई है, जिसके बाद महाराष्ट्र पुलिस और प्रशासन सतर्क हो गए हैं।