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आंध्र प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया खतरनाक आतंकी अबुबकर सिद्दीक

आंध्र प्रदेश पुलिस ने हाल ही में तमिलनाडु से खतरनाक आतंकी अबुबकर सिद्दीक को गिरफ्तार किया है। सिद्दीक, जो जाकिर नाइक की कट्टरपंथी विचारधारा से प्रेरित था, कई आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त रहा है। उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने संदिग्ध सामग्री और दस्तावेज़ बरामद किए हैं। जांच जारी है, और अधिकारियों का मानना है कि इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
 

आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता

आंध्र प्रदेश पुलिस ने शनिवार को जानकारी दी कि उन्होंने तमिलनाडु से दो आतंकियों को पकड़ा है, जिनमें से एक अबुबकर सिद्दीक है, जो एक अत्यंत खतरनाक और प्रशिक्षित आतंकवादी है। वह देश के विभिन्न हिस्सों और खाड़ी देशों में लगातार यात्रा करता रहा है और कई कट्टरपंथी गतिविधियों को अकेले अंजाम देता रहा है। सिद्दीक को आधुनिक विस्फोटकों और टाइमर उपकरणों के निर्माण में महारत हासिल है और उसका संबंध जाकिर नाइक की कट्टरपंथी विचारधारा से भी रहा है।


सिद्दीक की पहचान और कार्यशैली

कुरनूल रेंज के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) कोया प्रवीन ने बताया कि सिद्दीक न केवल एक प्रशिक्षित आतंकी है, बल्कि वह कई आतंकियों को तकनीकी सहायता प्रदान करने वाला एक 'बड़ा मछली' (Big Fish) भी है। वह विभिन्न प्रकार के आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस), इलेक्ट्रॉनिक टाइमर बम और अन्य विस्फोटक उपकरण बनाने में निपुण है। पुलिस के अनुसार, सिद्दीक एक 'लोन वुल्फ' के रूप में काम करता है और उसका उद्देश्य उन लोगों को आतंकी तकनीक मुहैया कराना था, जिनकी सोच उससे मेल खाती है।


जाकिर नाइक से प्रेरणा

जाकिर नाइक से प्रेरित था सिद्दीक

DIG प्रवीन ने कहा कि सिद्दीक जाकिर नाइक की विचारधारा से काफी प्रभावित था और उसी दिशा में कार्य कर रहा था। वह न केवल भारत के विभिन्न हिस्सों में घूम चुका है, बल्कि खाड़ी देशों की भी कई बार यात्रा कर चुका है। पुलिस के मुताबिक, वह बिना किसी बड़े संगठन के सीधे संपर्क में रहकर अकेले ही आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता था। उसका नेटवर्क सीमित लेकिन बेहद गुप्त था.


संदिग्ध सामग्री की बरामदगी

जांच में मिले कई संदिग्ध उपकरण और दस्तावेज़

पुलिस ने सिद्दीक और उसके साथी मोहम्मद अली की गिरफ्तारी के बाद जिन स्थानों पर तलाशी ली, वहां से उन्हें बड़ी मात्रा में संदिग्ध वस्तुएं मिलीं। इनमें कई डैगर्स, दरांती, डिजिटल टाइमर, क्लॉक स्विच, स्पीड कंट्रोलर, बॉल बेयरिंग, नट-बोल्ट, बायनोक्युलर, वॉकी-टॉकी, मोबाइल फोन और हैकिंग सॉफ्टवेयर शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस को ISIS से प्रेरित साहित्य, प्रमुख भारतीय शहरों के नक्शे, कोडिंग मैनुअल्स, डिजिटल स्टोरेज डिवाइस, चेक बुक, संपत्ति के कागज़ और कुछ वित्तीय रिकॉर्ड भी मिले हैं, जिनमें संदेहास्पद लेनदेन के सबूत हैं.


जांच की प्रगति

फिलहाल विस्फोटक नहीं मिला, पर जांच जारी

शनिवार को एक बार फिर दोनों संदिग्धों से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की गई। हालांकि इस बार कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली, लेकिन पुलिस ने कुछ अहम दस्तावेज़ और पेन ड्राइव ज़ब्त की हैं। जांच एजेंसियों का मानना है कि अबुबकर सिद्दीक जैसे तकनीकी रूप से प्रशिक्षित आतंकी को लंबे समय तक नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। आगे की पूछताछ और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर इस नेटवर्क में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं.