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आंध्र प्रदेश में बिजली दरों पर राजनीतिक विवाद: वाईएस शर्मिला का आरोप

आंध्र प्रदेश में बिजली की बढ़ती कीमतों ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। कांग्रेस की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने सत्तारूढ़ TDP-NDA सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने चुनावों से पहले बिजली बिलों में वृद्धि न करने का वादा किया था, लेकिन अब वह जनता पर अत्यधिक शुल्क थोप रही है। शर्मिला ने कहा कि पहले से ही ₹17,000 करोड़ का बोझ जनता पर डाला जा चुका है और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू एक और ₹12,000 करोड़ का बोझ डालने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि यह अतिरिक्त बोझ जनता पर न पड़े।
 

बिजली की बढ़ती कीमतों पर राजनीतिक प्रतिक्रिया

आंध्र प्रदेश में बिजली की कीमतों में वृद्धि ने एक बार फिर राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने सत्तारूढ़ TDP-NDA सरकार पर आरोप लगाया है कि वह जनता को "झटके" दे रही है। शर्मिला का कहना है कि सरकार ने विधानसभा चुनावों से पहले बिजली बिलों में वृद्धि न करने का वादा किया था, लेकिन अब वह अत्यधिक शुल्क लगाकर लोगों को परेशान कर रही है। इस मुद्दे ने आम जनता की जेब पर पड़ने वाले बोझ और सरकार के चुनावी वादों की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


वाईएस शर्मिला ने मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि TDP-NDA गठबंधन ने 2024 के चुनावों से पहले वादा किया था कि यदि वे सत्ता में आएंगे तो बिजली शुल्क में "एक रुपये की भी वृद्धि नहीं होगी" और यहां तक कि "30 प्रतिशत बिजली शुल्क कम किए जाएंगे"। लेकिन शर्मिला के अनुसार, सत्ता में आने के 14 महीने के भीतर ही सरकार ने "₹30,000 करोड़ का समायोजन शुल्क" लगाकर जनता पर बोझ डाल दिया है। उन्होंने कहा कि "बाबू (चंद्रबाबू नायडू) एक के बाद एक झटका दे रहे हैं।"


शर्मिला ने यह भी आरोप लगाया कि पहले से ही ₹17,000 करोड़ का बोझ जनता पर डाला जा चुका है, जिससे आम लोगों की आर्थिक स्थिति पर भारी असर पड़ा है।


इसके अलावा, शर्मिला ने चेतावनी दी कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू एक और ₹12,000 करोड़ का बोझ डालने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने नायडू को YSRCP प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी का 'उत्तराधिकारी' बताया। शर्मिला ने मांग की कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि यह अतिरिक्त बोझ जनता पर न पड़े और इसे सरकार खुद वहन करे।


नवंबर 2024 में, शर्मिला ने विजयवाड़ा में बिजली दरों में वृद्धि के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह पड़ोसी राज्यों की तुलना में काफी अधिक है। उन्होंने TDP सरकार पर नागरिकों पर 40% की वृद्धि का बोझ डालने का आरोप लगाया और इस बढ़ोतरी को तुरंत वापस लेने की मांग की।