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आंध्र प्रदेश में माओवादी कमांडर माडवी हिडमा की मौत: नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता

In a significant breakthrough for security forces, notorious Maoist commander Madvi Hidma was killed in an encounter in Andhra Pradesh. Known for orchestrating major attacks, including the 2010 Dantewada incident, Hidma's death is seen as a pivotal moment in the ongoing anti-naxal operations. The encounter, which lasted about an hour, also resulted in the death of five other Maoists. With a bounty of 1 crore rupees on his head, Hidma's demise is expected to impact the Maoist structure in the region. Read on to discover more about this crucial operation and its implications.
 

आंध्र प्रदेश में माओवादी कमांडर की मुठभेड़ में मौत


आंध्र प्रदेश: सुरक्षा बलों ने सोमवार को नक्सल विरोधी अभियान में एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। माडवी हिडमा, जो देश के सबसे कुख्यात माओवादी कमांडरों में से एक थे, की आंध्र प्रदेश में एक मुठभेड़ के दौरान मौत हो गई। उन पर कई बड़े और भयानक हमलों की योजना बनाने का आरोप था।


सुरक्षा बलों के अनुसार, हिडमा वही व्यक्ति थे जिन्होंने दंतेवाड़ा, झीरम घाटी और सुकमा जैसे कई प्रमुख हमलों की योजना बनाई और उन्हें अंजाम दिया। उनकी मौत को नक्सल विरोधी अभियान में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है।


मुठभेड़ का विवरण

मारेदुमिल्ली के जंगलों में ऑपरेशन


आंध्र प्रदेश पुलिस की विशेष टीम ने अल्लूरी सीताराम राजू (ASR) जिले के मारेदुमिल्ली क्षेत्र में सोमवार तड़के एक अभियान चलाया। सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ लगभग एक घंटे तक चली, जिसमें हिडमा और उनके पांच अन्य साथी मारे गए। पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ के बाद इलाके में व्यापक तलाशी अभियान चलाया जा रहा है ताकि अन्य माओवादी भाग न सकें।


हिडमा का परिचय

छत्तीसगढ़ का निवासी


माडवी हिडमा का जन्म 1981 में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में हुआ था। उन्होंने माओवादी संगठन में तेजी से उन्नति की और बहुत कम उम्र में पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की बटालियन नंबर 1 के प्रमुख बने। वह CPI (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सबसे युवा सदस्य थे और बस्तर क्षेत्र के एकमात्र आदिवासी प्रतिनिधि माने जाते थे।


इनाम और मुठभेड़ की जानकारी

एक करोड़ रुपये का इनाम


सुरक्षा बलों के अनुसार, हिडमा की तलाश कई वर्षों से चल रही थी और उस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम रखा गया था। सूत्रों के अनुसार, इस मुठभेड़ में हिडमा की दूसरी पत्नी राजक्का भी मारी गई। दोनों लंबे समय से जंगलों में सक्रिय थे और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बने हुए थे।


हिडमा के प्रमुख हमले


2010 दंतेवाड़ा हमला


इस हमले में 76 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे।


2013 झीरम घाटी नरसंहार


इस हमले में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं सहित 27 लोगों की मौत हुई थी।


2021 सुकमा–बीजापुर हमला


इस मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हुए थे।


इसके अलावा, वह वर्षों से बस्तर क्षेत्र में माओवादियों के सबसे बड़े सैन्य अभियानों का नेतृत्व करते रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि उनकी मौत से माओवादी ढांचे को गंभीर झटका लगेगा।


डीजीपी का बयान

डीजीपी की टिप्पणी


आंध्र प्रदेश के डीजीपी हरीश कुमार गुप्ता ने बताया कि मारेदुमिल्ली के जंगलों में सोमवार सुबह 6 से 7 बजे के बीच पुलिस और माओवादियों के बीच एक तीव्र मुठभेड़ हुई। उन्होंने कहा कि इस मुठभेड़ में एक शीर्ष माओवादी नेता समेत कुल छह माओवादी मारे गए हैं। फिलहाल क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। सुरक्षा बलों का कहना है कि यह ऑपरेशन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।