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आईएएस अधिकारियों की गिरफ्तारी: एक नई परिघटना

भारत में आईएएस अधिकारियों की गिरफ्तारी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जो पहले कभी नहीं देखी गई थीं। झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में कई अधिकारी जेल में हैं। इस नई स्थिति के कारण अधिकारियों की छवि भी आम जनता में खराब हो रही है। जानें इस विषय पर और क्या हो रहा है और इसके पीछे के कारण क्या हैं।
 

आईएएस अधिकारियों की गिरफ्तारी का बढ़ता चलन

कुछ समय पहले तक यह कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि कोई आईएएस अधिकारी कानून के शिकंजे में आएगा। भारत में आमतौर पर अधिकारियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता था। घोटालों में अक्सर नेताओं का नाम आता था, जबकि अधिकारी हमेशा बेदाग रहते थे। बोफोर्स, चारा घोटाला, और संचार से लेकर आदर्श घोटाले तक, किसी अधिकारी की गिरफ्तारी की शायद ही कोई मिसाल मिलती है। हालांकि, कोयला घोटाले में एक आईएएस अधिकारी फंसे थे, लेकिन अदालत ने उन्हें भी बरी कर दिया। अब, हर दूसरे दिन किसी न किसी अधिकारी की गिरफ्तारी की खबर सुनने को मिलती है। झारखंड में अकेले तीन आईएएस अधिकारी वर्तमान में जेल में हैं। इनमें विनय चौबे और छवि रंजन कार्यरत हैं, जबकि अमित प्रकाश रिटायर हो चुके हैं। ये सभी किसी न किसी मामले में जेल में बंद हैं। हाल ही में, आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल ने लंबा समय जेल में बिताने के बाद जमानत प्राप्त की।


ओडिशा और छत्तीसगढ़ में गिरफ्तारी

ओडिशा में, आईएएस अधिकारी धीमान चकमा को 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। उनके घर से 37 लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं और वे वर्तमान में जेल में हैं। ओडिशा में ही, राजस्व सेवा के एक अधिकारी, जो ईडी के डिप्टी डायरेक्टर थे, को भी घूस लेते हुए पकड़ा गया। छत्तीसगढ़ में, आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और रानू साहू को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन हाल ही में उन्हें जमानत मिल गई है। हालांकि, पूर्व आईएएस अधिकारी अभी भी जेल में हैं और उन्हें जमानत नहीं मिली है। इस बीच, रानू साहू के आईएएस पति जयप्रकाश मौर्य को भी कोयला घोटाले में आरोपी बनाया गया है। यह केवल झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ जैसे आदिवासी बहुल राज्यों का मामला नहीं है; बिहार में भी आईएएस अधिकारी संजीव हंस जेल में बंद हैं। यह एक बिल्कुल नई स्थिति है, जिसके परिणामस्वरूप अधिकारियों की छवि भी आम जनता की नजर में खराब हो रही है।